भुवनेश्वर।।
केंद्र सरकार ने एक पहल शुरू की है जिसके अंतर्गत सड़क बनाने वाले
ठेकेदारों को प्रत्येक 10 किलोमीटर सड़क में से एक के निर्माण के लिए डामर
के बदले स्थानीय विकल्प के रूप में औद्योगिक कचरे का उपयोग करना पड़ेगा।
सड़क यातायात एवं हाइवे मंत्रालय के विशेष सचिव एवं सड़क विकास महानिदेशक
एसएन दास ने बताया कि सड़क के निर्माण के लिए वात्या भट्टी स्लेग, पत्थरों
के टुकड़े एवं नगरीय अवशिष्ट का उपयोग करना अनिवार्य होगा क्योंकि इनका
उपयोग करने से दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता में कमी होगी।
सड़कों
के निर्माण में औद्योगिक कचरे का उपयोग करने पर उतना ही खर्च आएगा जितना
कि डामर के उपयोग करने पर आता है। दास ने बताया कि इस कदम से अवशिष्ट
पदार्थों के चक्रीयकरण में सहायता मिलेगी।