नई दिल्ली।।
दिल्ली हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर बताया गया है कि राजधानी में उपलब्ध
सब्जियों और फलों में बड़ी मात्रा में खतरनाक पेस्टिसाइड्स मौजूद हैं, जो
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में
सब्जियों और फलों में तय मानक से ज्यादा पेस्टिसाइड्स पाए गए हैं।
पेस्टिसाइड्स की मात्रा कम करने के लिए मामूली प्रयास किए गए हैं। इस मामले
में एमिकस क्यूरी ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस
जी. रोहिणी और जस्टिस आर. एस. एंडलॉ की बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा है कि
वह रिपोर्ट को देखे और अपनी स्टेटस रिपोर्ट 8 अप्रैल तक कोर्ट में पेश
करें। एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट से साफ है
कि सब्जियों और फलों में ज्यादा पेस्टिसाइड्स के इस्तेमाल के कारण कई
देशों ने भारतीय फलों और सब्जियों के आयात पर रोक लगा दी है और इस मामले
में स्क्रूटनी चल रही है।
यूरोपियन यूनियन ने भारत से अल्फांसो आम, करेला
आदि के आयात पर बैन लगा दिया है जबकि सऊदी अरब ने हरी मिर्च के आयात पर बैन
लगाया है। इस बात के साक्ष्य हैं कि न सिर्फ ऐसे सब्जियों के उपभोक्ताओं
को खतरा है, बल्कि जहां इन सब्जियों पर इस तरह के पेस्टिसाइड्स का छिड़काव
होता है, उस इलाके के लोगों को भी खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि
पेस्टिसाइड्स का मुद्दा सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश भर की
समस्या है। संबंधित अथॉरिटी को इसे तुरंत देखने की जरुरत है। हाई कोर्ट ने
एक एनजीओ की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था, जिसमें कहा गया था कि भारतीय
किसान काफी ज्यादा पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करते हैं जो यूरोपीय देशों की
तुलना में 750 गुणा ज्यादा है। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया
गया था कि सैंपल के टेस्ट के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में कोई लैब
नहीं है। अदालत ने एमिकस क्यूरी से पूछा था कि वह बताएं कि इस मामले को डील
करने के लिए लंबी योजना क्या है।