लो हो गया........... एक और तेलगी कांड
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लो हो गया........... एक और तेलगी कांड

    अवैध वसूली/खंडणी और ब्लैकमेल करने के लिये फर्जी दस्तावेज़ और नकली सरकारी स्टैम्प, बोगस नोटरी स्टैम्प आदि बनाने वाले गिरोह के सरगना वकील सागर सूर्यवंशी और अन्य के खिलाफ I.P.C. की धारा 255, 467, 468, 469, 471, 474, 120B, 34 के तहत कार्यवाही हेतु आवेदन

     भ्रष्टाचारी प्रशासनिक व्यवस्था व माफिया लॉबी की मिलीभगत की एक जीती जागती मिसाल जो आम नागरिकों को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ आत्महत्या करने को मजबूर करती है|
    हमारे देश में भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के साथ मिलकर माफिया लॉबी ऐसे बिल्डरों या भू-मालिकों को डरा-धमकाकर अवैध वसूली के काम करती है, जो अपनी पारिवारिक या निजी संपत्ति को बेचने जाते हैं| यह माफिया लॉबी फर्जी दस्तावेज तैयार करके अदालत में Suit File कर देती है जिससे आम नागरिक त्रस्त होकर व डरकर इन माफिया लॉबी द्वारा मांगी गई रकम को देकर इनसे अपना पिंड छुड़ाना ही अपनी नियती समझते हैं| ये शोषित समुदाय मजबूर हैं इस भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के भ्रष्टाचार की वजह से जहाँ यदि कोई शिकायत करने पहुँच भी जाये तो यह भ्रष्ट अधिकारी माफिया लॉबी से मिलकर पीड़ित को ही डराने-धमकाने का कार्य शुरू कर देते हैं|

     ऐसा ही एक मामला पूना के श्री. कैविन पिंटो का आया है जिस मामले में कैविन पिंटो द्वारा एक संपत्ति बेची गई मगर माफिया लॉबी के वकीलों द्वारा फर्जी दस्तावेज दाखिल करते हुये एक Suit पिंटो को भेजा गया जिसे देखकर पिंटो आश्चर्यचकित रह गये| उस Suit File के अनुसार पिंटो द्वारा फर्जी MOU उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया था और उन कागजातों में एक Notarized पेपर भी मौजूद था जिसमें कहा गया था कि पिंटो उन्हें वह संपत्ति बेच रहे हैं और जिसकी अग्रिम राशि उन्होंने Cheque द्वारा प्राप्त भी किया है मगर पिंटो ने ऐसा कुछ किया ही नहीं था अतः वे थोड़ा घबड़ा गये और विमानतळ पुलिस थाने, पूने में जाकर मामले की शिकायत की, शिकायत करते समय तो पुलिस अधिकारी ने यकीन दिलाया कि हम निष्पक्ष रूप से जाँच करते हुये फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों को सज़ा जरूर दिलवायेंगे|

     पुलिस अधिकारी द्वारा प्राथमिक दौर पर तो बेहतरीन तरीके से छानबीन करते हुये सारे सबूत इकट्ठे किये गये जिसमें साफ-साफ नजर आ गया कि Suit में शामिल कागजात फर्जी हैं जैसे Notary करनेवाले के हस्ताक्षर, Notary के समय उपयोग किया जाने वाला स्टैम्प पैड भी पूरी तरीके से नकली थे, जिसका इकरारनामा पुलिस अधिकारी द्वारा Notary से प्राप्त कर लिया गया था| Notary के लिये उपयोग किया जाने वाला स्टैम्प पेपर की जब तफ्तीश Treasury द्वारा करवाई गई तो उसके द्वारा साफ-साफ बताया गया कि इस प्रकार का स्टैम्प पेपर आज तक उपयोग नहीं किया गया है|
     Treasury द्वारा कुछ सांकेतिक चिन्ह भी बताये गये जिससे स्टैम्प पेपर की मौलिकता(originality) का पता चला सके| जैसेः 2014 के बाद से स्टैम्प पेपर पर एक Water Mark भी लगाया जा रहा है जो इस पेपर पर मौजूद नहीं था| स्टैम्प पेपर में कहीं भी 2014 या वर्ष नहीं लिखा जाता है जबकि इस पेपर पर 2014 लिखा हुआ हैं| स्टैम्प पेपर पर जो महाराष्ट्र का Serial No. दिखाया जा रहा है वह Serial No. अभी तक उपयोग ही नहीं किया गया|
    संगठन ने संबंधित मामले में F.I.R. दर्ज करने के लिये महाराष्ट्र के डी.जी.पी. को सारे सबुतों के साथ एक शिकायत पत्र दिया है जिससे F.I.R. दर्ज हो सके और पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिल सके| साथ ही संगठन मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री(महाराष्ट्र), राज्य सर्तकता आयोग, राज्यपाल(महाराष्ट्र), प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व देश के गृहमंत्री को शिकायत-पत्र भेज रहा है|
  

(सोनिका क्रांतिवीर)