इसे कहते हैं इस्लामिक स्टेट...फिर भारत मे धर्म-निरपेक्षता क्यों ?
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इसे कहते हैं इस्लामिक स्टेट...फिर भारत मे धर्म-निरपेक्षता क्यों ?

   इस्लामिक स्टेट के लिए यह आवशयक नही कि वो सीरिया या इराक में ही हो। हाल ही में बांग्लादेश में घटी घटना तो कुछ यही साबित करती है, जानकारी अनुसार बंगलादेश के जाने माने इंजीनियर, Blogger अविजित रॉय की सरेआम बर्बरता से हत्या कर दी गई उनकी पत्नी रफिदा अहमद बनिया भी बुरी तरह घायल हैं।
    अविजित रॉय वैसे अमेरिका में रहते हैं, अभी एक सप्ताह के लिए बंगलादेश आये थे ढाका में आयोजित एक बुक फेयर में अपनी पुस्तक के विमोचन हेतु।
    पुस्तक के विमोचन के बाद जब अविजित अपनी पत्नी रफीदा के साथ रिक्शा की सवारी का आनन्द लेते हुए घर लौट रहे थे तो बंगलादेशी इस्लामिक स्टेट के कुरान पढ़ - पढ़ कर जिहादी मानसिकता के लोगों ने एक बाजार में उनका रिक्शा रोका और बर्बरता से सरेआम उनकी हत्या कर दी।
    अविजित के पिता ढाका यूनिवर्सिटी में physics के प्रोफेसर थे। ऐसा नही है कि केवल इस्लामिक स्टेट में ही ऐसा होता है अपितु यह हर उस देश की सीमाओं के अन्दर होता है जहाँ कुरान पढ़ने वाली कौम बहुसंख्यक हो जाती है।
    अल्प संख्यक मुसलमानो ने ...भारत का विभाजन किया था। गांधी, नेहरु और गोलवलकर के धर्मद्रोह और देशद्रोह के कारण। बंगलादेश जैसे देश का संविधान 3 बार ख़ारिज किया गया उसकी संविधान समीक्षा समिति द्वारा और वह तब लागू हुआ जब बंगलादेश का संविधान इस्लामिक रूप से बनाया गया।
    भारत के ही एक राज्य को अलग करके खालिस्तान बनाने का सपना देख रहे लोगों ने भी अपना संविधान 'रहत-मर्यादाओं' के आधार पर सिख मान्यताओं को प्राथमिकता देते हुए बनाया है। वहां भी धर्म-निरपेक्षता का कोई नामो-निशान नही है। धर्म-निरपेक्षता तो छोड़िये पंजाब में रहने वाले पाप्पे सिख, खत्री सिख, रविदासी सिख आदि को ही वहां पर कोई विशेष अधिकार नही दिए गए हैं।
    भारत से ही बना देश पाकिस्तान और बंगलादेश दोनों ही इस्लामिक स्टेट हैं जहाँ धर्मनिरपेक्षता की दूर - दूर तक कोई संभावनाए नही है ... फिर भारत मे धर्म-निरपेक्षता क्यों ?


(Gaurav Kumar)