नई दिल्ली।। केंद्रीय सूचना आयोग :सीआईसी: की ओर से जारी
वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) उन
शीर्ष सार्वजनिक संस्थाओं में से एक है जिन्होंने 213-14 के दौरान सूचना
का अधिकार :आरटीआई: कानून के तहत दायर की गई सबसे ज्यादा अर्जियां खारिज
कीं।
इस सूची में पहले पायदान पर कंपनी मामलों का मंत्रालय है जिसने
213-14 के दौरान प्राप्त किए गए आरटीआई आवेदनों में से 28.85 फीसदी आवदेन
खारिज किए। इसके बाद पीएमओ (2.49 फीसदी) और वित्त मंत्रालय (19.16 फीसदी)
शामिल हैं।
इस मामले में ऊर्जा एवं गृह मंत्रालय, कैबिनेट सचिवालय,
कार्मिक एवं रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रपति सचिवालय, आवासीय और पेट्रोलियम एवं
प्राकृतिक गैस मंत्रालय भी पीछे नहीं रहे।
साल 213-14 के आंकड़े
मामूली बदलाव दिखाते हैं क्योंकि पिछले तीन सालों में वित्त मंत्रालय उन
सार्वजनिक संस्थाओं की सूची में पहले स्थान पर रहा जिन्होंने प्राप्त किए
गए आरटीआई आवेदनों में सबसे अधिक खारिज किए।
अपनी रिपोर्ट में सीआईसी
ने यह भी कहा है कि सार्वजनिक संस्थाएं ऐसे कारण बताकर आरटीआई अर्जियां
खारिज कर रही हैं जिनका जिक्र आरटीआई कानून में नहीं है। कोई आरटीआई आवेदन आरटीआई कानून की धारा 8, 9, 11 और 24 के तहत दी गई श्रेणियों के मुताबिक ही खारिज किया जा सकता है।