सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं हुए 13० कैदी, राष्ट्रपति से मांगी 'इच्छा मृत्यु'
Headline News
Loading...

Ads Area

सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं हुए 13० कैदी, राष्ट्रपति से मांगी 'इच्छा मृत्यु'

    नई दिल्ली।। राज्य सरकार की बेरूखी के बाद झारखंड के 13० कैदियों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास इच्छा मृत्यु के लिए आवेदन भेजा है। आवेदन में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 13० कैदियों द्वारा बताया गया है कि 2० साल तक जेल में बिताने के बाद भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा है। इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे कैदियों ने अपना आवेदन जेल अधीक्षक अशोक चौधरी को दिया है। वहीं इसकी कॉपी सु्प्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल सैयद अहमद, मुख्यमंत्री रघुवर दास, व जेल आइजी सहित कई अधिकारियों को भेजी गई है। 
    आजीवन कारावास की सजा काट करे कैदियों का कहना है कि आजीवन कारावास की सजा काट चुके बंदी अब कुंठित हो गये हैं और मानसिक अवसाद में जी रहे हैं, क्योंकि उनके जेल में बंद होने के कारण उनका परिवार गरीबी में जीने को मजबूर है और उनके बच्चों ने गरीबी के कारण पढ़ाई तक छोड़ दी है। कैदियों ने कहा कि वे 14 वर्ष या फिर 2० वर्ष से अधिक की सजा काट चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकों नहीं छोड़ा जा रहा है। कैदियों ने अपने आवेदन में लिखा है कि हर तीन महीने में झारखंड राज्य की सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक के बाद बंदियों को छोड़ने का प्रावधान है, लेकिन 2० जून 2०14 के बाद से बोर्ड की बैठक नहीं हुई है। कैदियों ने कहा कि राज्य में नक्सली और उग्रवादी आए दिन कई घटनाओं को अंजाम दे रहे है। इसके बावजूद सरकार उनके पुर्नवास के लिए मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाएं दे रही है। जबकि हमने जो अपराध किए है वो हमसे गलती से हुआ, जिसका हमें पश्चाताप भी है और भविष्य में किसी प्रकार का अपराध नहीं करने का संकल्प भी ले रहे हैं। इसके बाद भी सरकार हमें रिहा नहीं कर रही है। सरकार हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दे, इसे सभी 13० बंदी खुशी-खुशी स्वीकार कर लेंगे।