टीबी के लिए 55 फीसदी जिम्मेंदार कुपोषण, देश में प्रति दो मिनट में टीबी से एक मौत
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टीबी के लिए 55 फीसदी जिम्मेंदार कुपोषण, देश में प्रति दो मिनट में टीबी से एक मौत

    नई दिल्ली।। दशकों अनुसंधान के बावजूद टीबी का वैक्सीन भ्रामक सिद्ध हुआ है। फिर भी शोधकर्ताओं के मुताबिक संतुलित भोजन से टीबी के बीमारी को 5० फीसदी कम किया जा सकता है। तपेदिक के आधे संक्रमण के लिए अपर्याप्त भोजन को मुख्य कारण बताया गया है। एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन टीबी अन्मूलन चुनौतियां दृष्टिकोण समाधान में भारत एवं विश्वभर के विशेषज्ञों ने भारत के टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए सामाजिक परिस्थितियों जैसे कुपोषण, आर्थिक विषमता, गरीबी एवं टीबी के प्रसार में अधिकता को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 
    यद्यपि भारत की 4० फीसदी अथवा 48 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार के टीबी के विकार से पीडि़त है। भारत में सालाना टीबी से पीडि़त होने वालों को अनुमानित संख्या 23 लाख है। टीबी उपचार के विशेषज्ञ एवं हिमालय मेडिसन संस्थान के डा. अनुराग भार्गव ने बताया कि भारत में टीबी के विकार से पीडि़त 9० प्रतिशत लोग शरीर की प्रतिरोधी क्षमता की वजह से संक्रमण को रोकने में सक्षम है। पोषक भोज्य पदार्थों की कमी से टीबी के संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। भारत में हर वर्ष टीबी की बीमारी से दो लाख 7० हजार लोगों की मौत होती है। अर्थात प्रत्येक दो मिनट में इस बीमारी से एक व्यक्ति की मौत होती है। भारत में केंद्रीय टीबी डिवीजन के पूर्व महानिदेशक आरएस गुप्ता के अनुसार टीबी की अधिक घटनाओं के लिए एक प्रमुख कारण कुपोषण है।