कोलकाता।।
भारत में सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयास के बावजूद आज भी काफी
तादात में विभिन्न उद्योगों एवं घरों में बालश्रमिकों से काम लिया जाता है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में बालश्रम केवल 2.2 प्रतिशत
प्रतिवर्ष की दर से घट रहा है, ऐसे में बालश्रमिकों को कार्य से मुक्त
कराने के लिए 100 साल से अधिक का समय लग सकता है। सी आर बाई के जनसंख्या
आंकड़े में खुलासा किया गया है कि बाल श्रम में कमी की पर्याप्त धारणा के
प्रतिकूल पिछले दशक से बालश्रम के मामले केवल 2.2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर
से घट रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया कि एक करोड़ से अधिक बच्चे आज भी देश
में कामगारों का हिस्सा बने हुए हैं तथा इस खतरे से निपटने के लिए एक
शताब्दी से अधिक का समय लग सकता है। विश्लेषण में एक खतरनाक रूझान की
जानकारी दी गई ,जिसके मुताबिक 2001 से 2011 के बीच शहरी क्षेत्रों में
बालश्रम के मामले 53 फीसदी बढ़े हैं । सीआरबाई के अनुसंधान एवं नीति निदेशक
कोमल गनोत्रा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में कानून के क्रियान्वयन में
अपेक्षाकृत अधिक सख्ती के बावजूद भी बालश्रम के मामलों का बढ़ना चिंताजनक
है। इससे सामायिक पलायन एवं तस्करी की संभावना बढ़ जाती है।