नई दिल्ली।। देश
में बाल विवाह को रोकने के लिए कानून बनाये गये हैं। साथ ही कन्या शिक्षा
को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। फिर भी नाबालिग
आयु में लड़कियों की शादी की प्रथा अब भी कायम है। भारत में 8.22 करोड़
लड़कियों की वैधानिक आयु 18 वर्ष से पहले ही शादी कर दी गई है। इनमें से 16
फीसदी शादी के पहले वर्ष ही गर्भवती हो गई थीं।
पिछले दशक में 9.5 लाख किशोर आयु में गर्भवती महिलाओं की मौत हुई थी । जिसमें से 7 प्रतिशत माताओं को कम आयु मे गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं थीं। उप्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडू तथा कर्नाटक में काफी संख्या में लड़कियों की शादी नाबालिग आयु कर दी जाती है। देश के कुल नाबालिग लड़कियों के विवाह में 15 प्रतिशत योगदान उत्तर प्रदेश का है।
पिछले दशक में 9.5 लाख किशोर आयु में गर्भवती महिलाओं की मौत हुई थी । जिसमें से 7 प्रतिशत माताओं को कम आयु मे गर्भावस्था से संबंधित समस्याएं थीं। उप्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडू तथा कर्नाटक में काफी संख्या में लड़कियों की शादी नाबालिग आयु कर दी जाती है। देश के कुल नाबालिग लड़कियों के विवाह में 15 प्रतिशत योगदान उत्तर प्रदेश का है।