नई दिल्ली।। घर के अंदर अधिक प्रदूषण के संपर्क में आने वाले बच्चे दमा तथा परागज
ज्वर से ज्यादा पीडि़त होते हैं। एक शोध में यह खुलासा हुआ है। यह बात एक
अध्ययन में सामने आयी है। इसके मुताबिक, ऐसे बच्चे घर में सिगरेट के धुएं,
केरोसिन तथा जैव ईंधन के दहन से ज्यादा प्रभावित होते हैं। दमा तथा परागज
ज्वर का स्तर भारत में वैसे बच्चों में अधिक पाया गया, जिनका सामना घर के
अंदर के प्रदूषण से होता है।
अध्ययन के दौरान वैसे 70 परिवारों के घरों की
जांच की गई, जिनके घर में किसी भी बच्चे में दमा या परागज ज्वर का कोई
लक्षण नहीं था, जबकि 70 वैसे परिवारों के घरों की भी जांच की गई, जिनके घर
में कम से एक बच्चा दमा या परागज ज्वर से पीडि़त था। अध्ययन में पाया कि
जिन परिवारों के बच्चों में दमा या परागज ज्वर के लक्षण देखे गए, उनके घरों
में वायु प्रदूषण स्वस्थ बच्चों वाले घरों की तुलना में दोगुना था।