नई दिल्ली।। आम आदमी पार्टी ने अपना
हाल क्या बना रखा है? कुछ ही हप:तों में उसकी शक्ल कैसी बन गई है? दिल्ली
में उसकी प्रचंड विजय ने लोगों के दिल में कैसे-कैसे सपने जगा दिए थे। कुछ
लोग आशा करने लगे थे कि यदि मोदी सरकार नाकारा साबित हुई तो पांच साल बाद
या उसके पहले 'आप' को पूरे देश की सत्ता सौंपी जा सकती है लेकिन हुआ क्या?
हुआ यह कि 'आप' राजनीतिक दल सिद्ध होने के बजाय नौटंकी-मंडली सिद्ध हो रही
है। नाटक मण्डली भी नहीं। नाटक में तो बाकायदा एक कथानक या विषयवस्तु होता
है। उसके पात्र सुनिश्चित संवाद बोलते हैं। उसका सुखांत या दुखांत फलागम
होता है लेकिन 'आप' की नौटंकी में तो सिर्फ गाना-बजाना-चिल्लाना है या
कूदना-फांदना है।दिल्ली में आजकल ऐसी नौटंकी हो रही है, जैसी दिल्ली क्या,
देश में पहले कहीं नहीं हुई। क्या आपने कभी सुना कि सरकार का कोई अफसर अपने
कमरे पर जाए और उसे उस पर ताला ठुका मिले? एक ही सरकार में दो-दो गृह-सचिव
नियुक्त कर दिए जाएँ? उप-राज्यपाल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख
की नई नियुक्ति की तो 'आप' सरकार ने उसे रद्द कर दिया और जिस गृह सचिव ने
उस नियुक्ति-पत्र पर दस्तखत किए थे, उसका तबादला कर दिया।
और अब आप सरकार के
कानून मंत्री जीतेन्द्र तोमर कानूनन आरोपी होने के कारण जेल की हवा खा रहे
हैं। जिस सरकार के कानून मंत्री को जेल हो जाए, उसे एक मिनिट भी सत्ता में
रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। तोमर की स्नातक और कानून की डिग्रियाँ
फर्जी हैं, यह मामला जब चुनाव के वक्त उठा तो उसे दबा दिया गया। इस
संदेहास्पद आदमी को चुनाव के बाद मंत्री बना दिया गया। पार्टी में अभी तक
कोई आंतरिक लोकपाल नहीं है। तोमर की गिरफ्तारी भी अति नाटकीय है। केंद्र की
भाजपा सरकार बदला ले रही हो तो आश्चर्य नहीं है लेकिन अरविन्द केजरीवाल तो
अपने पाँव पर ही कुल्हाड़ी चला रहे हैं। वे और मनीष सिसोदिया बेदा़ग और
आदर्शवादी हैं। उन्होंने अपने अल्पकाल में कई उल्लेखनीय अच्छे काम भी किए
हैं लेकिन मैं अरविन्द और मनीष दोनों से पूछता हूँ कि बताइये रोज टीवी
चैनलों और अ़खबारों में आपके किन कामों का जमकर प्रचार हो रहा है? अच्छे
कामों का नहीं, दंगल का, अखाड़ेबाजी का, नौटंकी का! आम जनता तो अपने फैसले
ऊपरी प्रचार के आधार पर करती है। यदि आपका यही खेल कुछ माह और चलता रहा और
यदि मध्यावधि चुनाव हो गए तो क्या 'आपÓ की हालत वही नहीं हो जायेगी, जो आज
भाजपा और कांग्रेस की है? जरूरी यह है कि यह नौटंकी बंद हो और 'आपÓ अपने
अच्छे कामों का श्रेय कमाए!