नई
दिल्ली।। शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए
परिवहन मंत्रालय भारी जुर्माना वसूलने और सजा का सहारा लेने पर विचार कर
रहा है। जुर्माने की राशि पांच गुना बढ़ाने से लेकर छह महीने से एक साल तक
की सजा और एक साल के लिए गाड़ी जब्त करने तक के प्रस्ताव हैं। पहली बार
नियम तोड़ने वाले से 10 हजार रुपए की पेनल्टी वसूली जा सकती है और बार-बार
ऐसा करने वाले के लिए सजा सख्त करते जाने का प्रस्ताव है। ये प्रस्ताव सड़क
परिवहन और सुरक्षा बिल में शामिल हैं, जिसे परिवहन मंत्रालय ने कानून
मंत्रालय के बाद राज्य सरकारों को फीडबैक के लिए भेजा है। वर्तमान में नशे
की हालत में गाड़ी चलाने पर 2000 रुपए तक जुर्माना या छह महीने तक की सजा
का प्रावधान है। बिल में एक से ज्यादा लाइसेंस रखने वालों या एक से ज्यादा
लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वालों के लिए भी जुर्माने के बारे में भी
स्पष्ट रूप से कहा गया है। इसके अलावा अगर बिल को मंजूरी मिल गई तो बिना
इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाने पर भी कार्रवाही। इसके लिए दो हजार रुपए से लेकर
एक लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माने की राशि गाड़ी के हिसाब
से वसूली जाएगी।
हाल ही में यह तथ्य सामने आया था कि भारत में 70प्रतिशत
गाडि़यों का इंश्योरेंश नहीं है। इस बिल में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के
साथ-साथ ऑटो कंपनियों को भी जवाबदेह बनाने की कोशिश की गई है। गलत डिजाइन
या दोषपूर्ण मैन्युफैक्चङ्क्षरग और गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद गाडि़यों
को रिकॉल नहीं करने पर ऑटो कंपनियों के लिए जुर्माने और सजा का भी प्रस्ताव
है। गाडि़यों के डिजाइन में गड़बड़ी पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना और गाड़ी
को रिकॉल करने से इनकार करने पर तीन महीने तक की सजा या गाड़ी की कीमत के
बराबर जुर्माने हो सकता है। एक अधिकारी ने कहा, हमने कानून के सभी तरह के
उल्लंघनों और उसके लिए जुर्माने को बिल में शामिल किया है। उन्होंने कहा
कि रेड लाइट जंप, सीट बेल्ट नहीं लगाने जैसे मामलों के लिए कम जुर्माने का
प्रावधान किया गया है, जबकि सड़क दुर्घटना में बच्चे की मौत जैसे मामलों
में भारी जुर्माना चुकाना होगा। बिल में हर अपराध पर निगेटिव स्कोङ्क्षरग
का प्रस्ताव है और एक लेवल से ज्यादा निगेटिव स्कोर होने के बाद लाइसेंस
स्थगित कर दिया जाएगा।