पिता का बच्चों से साफ लहजे में बात करना फायदेमंद!
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पिता का बच्चों से साफ लहजे में बात करना फायदेमंद!

    मुंबई।। अक्सर देखा जाता है कि माएं बच्चों से ज्यादा लाड़ जताकर और तोतली जुबान में बात करती हैं, जबकि पिता साफ लहजे और शब्दों में वार्तालाप करते हैं। पिता और बच्चों के बीच वार्तालाप पर किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि बच्चों से तोतली जुबान में बात करने से परहेज करने वाले पिता अपने बच्चों के लिए बाहरी परिवेश और माहौल में सामंजस्य बैठाने में सहायक होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो पिता अपने बच्चों से वयस्कों की तरह साफ शब्दों और लहजे में बात करते हैं, वे बच्चों को बाहरी दुनिया में घुलने-मिलने एवं दूसरों की बातों को समझकर वार्तालाप करने में उनके लिए मददगार साबित होते हैं। 
   शोधकर्ताओं की टीम ने दो से तीन साल की आयु वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को रिकॉॢडग उपकरण देकर दिनचर्या की सामान्य बातें रिकॉर्ड करने के लिए कहा, ताकि अभिभावकों और बच्चों के बीच के वार्तालाप का अध्ययन कर सकें। उनका मानना है कि बच्चे का ङ्क्षलग और उम्र भी पिता के साथ वार्तालाप के तौर-तरीके को प्रभावित कर सकता है।