यूपी में सपा शासन और एमपी में भाजपा शासन। एक सत्ता साँप नाथ की तो दूसरी नाग नाथ की अब बताएं दोनों में अंतर क्या है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लोग ही अवैध रूप से खनन में पूरी तरह सक्रिय हैं।
एक महीने के अंदर दो पत्रकारों के जघन्य हत्याकांड के बाद क्या लग रहा है? क्या इसी तरह सरकारें पत्रकारों की कलम बंद करती रहेगी ? क्या कोई ठोस कदम नहीं उठायेंगीं ?
हमें इसके खिलाफ मात्र आवाज ही नहीं उठानी होगी वल्कि वक्त आ गया है उनकी ही भाषा में सटीक प्रत्युत्तर देने का। विद्रोह का विगुल फूंकने का।
आखिर हम पत्रकार निर्जीव मोमबत्ती भर नहीं, जो अपना अस्तित्व मिटाकर तुम्हारे घर प्रकाशित करते रहें, अपितु एक ऐसे नागरिक भी हैं जिसे तुम्हारी ही तरह सभी संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं और सच को सच व झूठ को झूठ कहने की स्वतन्त्रता भी।
कानून व्यवस्था को बनाये रखना या कानून प्रतिपालन की इतनी बडी़ कीमत चुकाना....हमारा ठेका नहीं। ईंट का ज़बाब पत्थर से देना हमें भी आता है,और हम अपनी शैली में अवश्य देंगे।
जब कोई भी सत्ता गाँधी जी के तीन बन्दरों के रूप में प्रतिरूपित हो जाये, या गाँधारी की तरह अंधा होने का अभिनय भर करे ,तो उसका पतन तो विधाता भी नहीं रोक सकता।।
जय लंकेश।।