शिक्षकों की जिम्मेदारी पर सीबीएसइ के मापदण्ड तय
केंद्रीय विद्यालय संगठन की तरह होगी शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षकों को कोड ऑफ कंडक्ट में रखना अनिवार्य
स्कूल बस से विद्यार्थियों को गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की
कोलकाता।। विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी
सुनिश्चित करने के लिए सीबीएसइ आवश्यक दिशा-निर्देशजारी किये हैं। स्कूलों
में आये दिन छात्रों के साथ दुव्र्यवहार की सूचना पर सीबीएसइ ने संज्ञान
लेते हुए स्कूलों को निर्देश दिये हैं कि स्कूल वैंसपस में टीचर्स अपनी
जिम्मेवारी सही से निभायें, इसके लिए सीबीएसइ ने स्कूलों को टीचर्स
अपॉइंटमेंट के समय ही सावधानी बरतने को कहा है। अब सीबीएसइ स्कूलों में भी
टीचर्स की नियुक्ति केंद्रीय विद्यालय संगठन की तरह की होगी। इसमें हर नये
टीचर को तीन महीने का समय दिया जायेगा। इसमें उनके बिहेवियर, पढ़ाई की
स्टाइल, टाइङ्क्षमग आदि को देखा जायेगा। टीचर्स अपनी डयूटी के प्रति कितने
ईमानदार हैं, इसकी जांच स्कूल अपने स्तर से करेगी। इसके साथ सीबीएसइ ने
तमाम स्कूलों को पुराने टीचर्स के लिए भी कोड ऑफ कंडक्ट में रखने की सलाह
दी है।
इसके साथ ही सीबीएसइ ने स्कूलों से टीचर्स को स्टूडेंट्स के
साथ बस में ही घर जाने की सलाह दी है। अक्सर देखा जाता है कि टीचर्स या तो
अपने वेहिकल्स से स्कूल आते और जाते हैं या फिर अगर कोई टीचर स्कूल
कंवियेंस का उपयोग भी करते हैं तो अपने डेस्टिनेशन तक ही जाते है। किंतु अब
जिस रूट में बस जायेगी, टीचर भी उसी बस में स्कूल आवागम करेगें। हर दिन एक
टीचर अंतिम स्टॉपेज तक बस में जायेगा, जब तक कि सारे स्टूडेंट बस से उतर
नहीं जाते हैं। सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोई भी
टीचर्स टयूशन करने के लिए पहले स्कूल से परमिशन लेगा। स्कूल के परमिशन के
बाद ही टीचर्स घर में या कोङ्क्षचग संस्थान में टयूशन देंगे। बोर्ड के
अनुसार कई बार टीचर स्कूल में क्लास बंक कर कोङ्क्षचग संस्थान में पढ़ाने
जाते हैं या फिर घर में ही टयूशन पर अधिक समय देते हैं। ऐसे भी केस सीबीएसइ
के पास आये हैं, जिसमें टीचर स्कूल के स्टूडेंट्स को इस बात के लिए फोर्स
करते हैं कि जो क्लास में समझ में नहीं आता हैं, उसे वह टयूशन में अच्छे
से समझायेगे। टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स को गुमराह करने वाले इन तमाम
बिहेवियर पर नजर रखने के लिए भी स्कूलों को निर्देश दिया गया है।