सेक्स को लेकर कई तरह के सर्वेक्षण किए जाते हैं, जिनके परिणाम भी काफी रोचक होते हैं। ऐसे सर्वेक्षणों का उद्देश्य सेहत की दृष्टि से इस विषय का ज्ञान बढ़ाना होता है। इन सर्वेक्षणों में पाए गए कुछ रोचक तथ्य इस तरह से हैं -
एक बार के मैथून में जो वीर्य निकलता है उसमें 30 से 45 करोड़ तक शुक्राणु होते हैं।
वीर्य को वीर्य बैंक में -196.9 डिग्री सेल्सीयस के तापमान पर रखा जाता है।
सेक्स करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जता है।
लगभग 25 प्रतीशत पुरूष वर्तमान समय मे सेक्स के बारे में सोच रहे होते हैं।
यौन क्रिया की चरम अवस्था के वक्त स्त्री-पुरूष दोनो के दिन की धड़कन 140 प्रति मिनट तक पहुँच जाती है। महिलाएँ 45 साल तक उम्र तक औसतन 3000 बार सेक्स करती हैं।
40 साल की उम्र तक के मर्दों के लिंग मात्र 10 सेकेंड में इरेक्टेड(खड़े) हो जाते हैं।
ग्रीक दंपत्ति एक वर्ष में सबसे ज्यादा औसतन 138 बार सेक्स करते है जबकि जापानि दंपत्ति सबसे कम केवल 45 बार ही करते हैं।
पुरूष के लिंग से वीर्य निकलने की गति 36.9 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जो युसेन बोल्ट के 100 मीटर रिकार्ड को तोड़ने के लिए काफी है।
एक व्यस्क पुरूष के अंडकोष में इतने स्पर्म होते है कि इन्हें 404 मीटर तक फैला के रखा जा सकता है।
एक छोटे से कैप्सूल में इतने स्पर्म आ सकते है जिनसे वर्तमान पृथ्वी पर मौजुद मनुष्यों से ज्यादा जनसंख्या बनाई जा सकती है।
संभोग करते समय महिलाओं के स्तन और यौनि के इलावा नाक का भीतरी भाग भी फूल जाता है।
मनुष्य को 17-18 साल की उम्र में यौवन की चरम सीमा प्राप्त हो जाती है।
एक बार मैथून करने से पुरूष की 100 कैलोरी खप्त हो जाती है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार ब्राजील के युवा-युवतियां किसी भी देश के मुकाबले सबसे पहले अपना कौमार्य खोते हं। लेकिन भारत इस मामले में सबसे पीछे हैं।
यदि पूरी दुनिया में हो रही सेक्सुअल गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो यह एक दिन में करीब 100 करोड़ बनती हैं।
सेक्स के समय पुरूषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियों की शारीरिक संरचना में शरीर से निकलने वाले पसीने को कंट्रोल करने का गुण होता है।
30 प्रतीशत पुरूष शीघ्र पतन के शिकार है।
83 प्रतीशत स्त्रियां अपने साथी के लिंग के आकार से पुरी तरह संतुष्ट हैं।
मर्द औसतन अपने जीवन काल में 17 लीटर वीर्य निकालते हैं।
लगभग 75 प्रतीशत पुरूषों का वीर्यपतन 3 मिनट से भी कम समय में हो जाता है।
एक बार के मैथून में जो वीर्य निकलता है उसमें 30 से 45 करोड़ तक शुक्राणु होते हैं।
वीर्य को वीर्य बैंक में -196.9 डिग्री सेल्सीयस के तापमान पर रखा जाता है।
सेक्स करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जता है।
लगभग 25 प्रतीशत पुरूष वर्तमान समय मे सेक्स के बारे में सोच रहे होते हैं।
यौन क्रिया की चरम अवस्था के वक्त स्त्री-पुरूष दोनो के दिन की धड़कन 140 प्रति मिनट तक पहुँच जाती है। महिलाएँ 45 साल तक उम्र तक औसतन 3000 बार सेक्स करती हैं।
40 साल की उम्र तक के मर्दों के लिंग मात्र 10 सेकेंड में इरेक्टेड(खड़े) हो जाते हैं।
ग्रीक दंपत्ति एक वर्ष में सबसे ज्यादा औसतन 138 बार सेक्स करते है जबकि जापानि दंपत्ति सबसे कम केवल 45 बार ही करते हैं।
पुरूष के लिंग से वीर्य निकलने की गति 36.9 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जो युसेन बोल्ट के 100 मीटर रिकार्ड को तोड़ने के लिए काफी है।
एक व्यस्क पुरूष के अंडकोष में इतने स्पर्म होते है कि इन्हें 404 मीटर तक फैला के रखा जा सकता है।
एक छोटे से कैप्सूल में इतने स्पर्म आ सकते है जिनसे वर्तमान पृथ्वी पर मौजुद मनुष्यों से ज्यादा जनसंख्या बनाई जा सकती है।
संभोग करते समय महिलाओं के स्तन और यौनि के इलावा नाक का भीतरी भाग भी फूल जाता है।
मनुष्य को 17-18 साल की उम्र में यौवन की चरम सीमा प्राप्त हो जाती है।
एक बार मैथून करने से पुरूष की 100 कैलोरी खप्त हो जाती है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार ब्राजील के युवा-युवतियां किसी भी देश के मुकाबले सबसे पहले अपना कौमार्य खोते हं। लेकिन भारत इस मामले में सबसे पीछे हैं।
यदि पूरी दुनिया में हो रही सेक्सुअल गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो यह एक दिन में करीब 100 करोड़ बनती हैं।
सेक्स के समय पुरूषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियों की शारीरिक संरचना में शरीर से निकलने वाले पसीने को कंट्रोल करने का गुण होता है।
30 प्रतीशत पुरूष शीघ्र पतन के शिकार है।
83 प्रतीशत स्त्रियां अपने साथी के लिंग के आकार से पुरी तरह संतुष्ट हैं।
मर्द औसतन अपने जीवन काल में 17 लीटर वीर्य निकालते हैं।
लगभग 75 प्रतीशत पुरूषों का वीर्यपतन 3 मिनट से भी कम समय में हो जाता है।