चेन्नई।। चाहे
किसी कपल की औपचारिक तौर-तरीके से शादी न भी हुई हो, पर वे साथ-साथ
पति-पत्नी की तरह रह रहे हों, तो उन्हें कानूनी हक मिल जाता है। मद्रास
हाईकोर्ट ने इस आशय को टिप्पणी करते हुए कहा है कि दूसरी पत्नी को भी पेंशन
पाने का हक है। अदालत ने एक पुलिस अधिकारी की मौत के बाद उनकी दूसरी पत्नी
को भी पारिवारिक पेंशन दिए जाने का आदेश दिया है। रिश्ते में दरार और
दूसरी शादी मामले के मुताबिक एस सुसीला नाम की महिला ने अदालत को बताया था
कि उसके पति के. स्टैनले कोयंबटूर जिले में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर
कार्यरत थे। स्टैनले की पहली शादी 6 जून, 1973 को सुगंधी के साथ हुई थी। इस
दोनों से एक बेटी भी हुई। इसके दो साल बाद दंपति के रिश्ते में दरार आ गई और
दोनों अलग-अलग रहने लगे। पहली शादी बरकरार रहने के दौरान ही के।स्टैनले ने
एस। सुसीला से 23 जून, 1976 को दूसरी शादी कर ली। इस जोड़े से एक बेटा हुआ,
जो अभी 35 साल का है। पहली पत्नी सुगंधी ने तलाक के लिए याचिका दी, जिससे
दोनों के बीच नवंबर, 2003 में तलाक हो गया।
दिसंबर 2005 में सुगंधी की मौत
हो गई. के. स्टैनले साल 2001 में रिटायर हो गए और उन्हें पेंशन मिलने
लगी। 2007 में उन्होंने कोयंबटूर के एसपी के पास आवेदन किया कि सुसीला का
नाम पेंशन पाने के लिए नॉमिनी के तौर पर जोड़ लिया जाए। अक्टूबर, 2011 में
के. स्टैनले की मौत हो गई। दूसरी पत्नी को मिली पेंशन- एसपी ने इस मामले को
सितंबर 2014 को संबंधित महालेखाकार के पास भेज दिया, लेकिन यह बाद में
खारिज हो गया। इसके बाद सुसीला ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट
ने कहा कि हालांकि दूसरा विवाह कानूनी नहीं है, फिर भी चूंकि सुसीला 1976
से ही स्टैनले के साथ रह रही थी, इसलिए वह पेंशन की हकदार है। इसी के साथ
दूसरी पत्नी पेंशन की हकदार हो गई।