एक अनोखा मंदिर जिसकी रक्षा का जिम्मा है शाकाहारी मगरमच्छ "बाबिया" पर
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एक अनोखा मंदिर जिसकी रक्षा का जिम्मा है शाकाहारी मगरमच्छ "बाबिया" पर


     कोच्चि।। यकीनन शीर्षक पढ़ कर आपको अचम्भा हो कि भला किसी मंदिर की रक्षा का भार मगरमच्छ पर कैसे हो सकता है और वोह भी शाकाहारी मगरमच्छ ? मगरमच्छ जिसकी प्रकृति ही मांसाहारी होती है ! पर आप यकीन करें या न करें, यह पूर्णतः सत्य है कि केरल के एक मंदिर में शाकाहारी मगरमच्छ रहता है ! बबिया नामक यह मगरमच्छ कोच्चि जिले के अनंतपुरा मंदिर की झील में रहता है ! मंदिर के लोग बताते हैं कि बाबिया यहां काफी वर्षों से रह रहा है ! उसका निवास झील और पास ही बनी गुफाएं हैं ! ऐसा माना जाता है कि यह सम्मानित प्राणी “बाबिया” मंदिर का रक्षक है ! ऐसा भी कहा जाता है कि जब मगर की मृत्यु होती है तो आश्चर्यजनक रूप से कोई दूसरा मगर उसका स्थान ले लेता है !
    अनंतपुरा मंदिर केरल में केवल एक ही झील या तालाब वाला मंदिर है ! लोक कथाओं के अनुसार इस स्थान को अनंत पद्मनाभ स्वामी का मूल आसन या मूल स्थान माना जाता है ! अनंतपुरा मंदिर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था ! यह मंदिर बेकल से 30 किमी दूर स्थित है ! इस मंदिर की महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि जाति, जातीयता और धर्म की परवाह किए बिना यहाँ कोई भी जा सकता है !
    अनंतपुरा मंदिर एक पहाड़ी की तलहटी में बने तालाब में बना हुआ है ! यहां का वातावरण शांत होने के साथ-साथ सुरम्य भी है ! मंदिर की रक्षा का जिम्मा जिस मगरमच्छ बाबिया पर है वह एकदम शाकाहारी बताया जाता है ! मंदिर के ट्रस्टी रामचंद भट्ट कहते हैं कि वह सिर्फ दोपहर में भोजन करता है ! उसे लोगों द्वारा चढ़ाए गए चावल, नारियल, गुड़ आदि का प्रसाद खिलाया जाता है जिसे वह बड़े चाव से खाता है ! बाबिया कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता, यहां तक कि तालाब में तैर रही मछलियां भी उससे बेखौफ रहती हैं !
    अनंतपुरा मंदिर में एक चुत्ताम्बलम है (मुख्य मंदिर के चारों ओर निर्मित बरामदा) ! मंदिर की झील, जिसमें यह पवित्र स्थल स्थित है, एक बड़ी इमारत के अंदर है ! इसका माप लगभग 302 स्क्वायर फीट है जो लगभग 2 एकड़ के बराबर होता है !
    मंदिर के ट्रस्टी बाबिया को भगवान का संदेशवाहक मानते हैं क्योंकि वह आश्चर्यजनक रूप से किसी भी प्राकृतिक आपदा आदि से पहले मंदिर वालों को सचेत कर देता है ! बाबिया मंदिर की रखवाली भी पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वाहन करता है ! मंदिर के ट्रस्टी बाबिया को श्रीकृष्ण का अवतार मानते हैं ! मंदिर के ट्रस्टियों के अनुसार “ एक बार भगवान विष्णु के परम भक्त श्रीविल्वामंगलुथू मगन होकर भजन गायन कर रहे थे तो उन्हें बालरूपी कृष्ण बार बार तंग कर रहे थे ! श्रीविल्वा ने उन्हें अपने बाएं हाथ से धकेल दिया और वह इसी तालाब में गिर गए !” यह बात कितनी सत्य है कोई नहीं जानता, पर यह मगरमच्छ बाबिया शाकाहारी है यह सत्य है !
 
(Sanjay Dwivedy)