सोनोग्राफी मशीन में जीपीएस सिस्टम लगाना हुआ अनिवार्य
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सोनोग्राफी मशीन में जीपीएस सिस्टम लगाना हुआ अनिवार्य

सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सक स्वयं हस्ताक्षर करेंगे
   बांसवाड़ा।। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में विचाराधीन प्रकरण में अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के क्रम में दिनांक 15 अप्रेल 2015 को पारित आदेश में कोई भी सोनोग्राफी मशीन दिनांक 15 जुलाई 2015 के पश्चात् बिना जीपीएस सिस्टम के क्रय, विक्रय नहीं की जा सकेंगी।
    पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सभी मशीनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश में कहीं भी बिना जीपीएस सिस्टम के लगी मशीन प्राप्त होने पर संबंधित कंपंनी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। विभाग के द्वारा बांसवाड़ा जिले में स्थापित समस्त पंजीकृत संस्थानों एवं सोनोग्राफी मशीन विक्रेता को सोनोग्राफी मशीन में जीपीएस सिस्टम लगे हुए ही मशीन को क्रय एवं विक्रय करने के निर्देश प्रदान किए गए है। बिना जीपीएस मशीन लगी सोनोग्राफी मशीन प्राप्त होने पर संस्थान का लाईसेन्स भी रद्द किया जा सकता है। सोनोग्राफी मशीनों में जीपीएस सिस्टम लगा होने से उनको टे्रक किया जाना आसान रहेगा एवं सोनोग्राफी मशीन की वास्तविक लोकेशन का पता लग सकेगा। यदि किसी सोनोग्राफी मशीन को रजिस्र्टड स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है, तो तुरंत उसकी लोकेशन विभाग को प्राप्त हो सकती है एवं संस्थान मालिक के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है। प्रत्येक सोनोग्राफी मशीन को खरीदने व बेचने वाली मशीनों की रिपोर्ट भी समुचित प्राधिकारी को प्रस्तुत करनी आवश्यक है।
    उन्होंने बताया कि साथ ही माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में सोनोग्राफी केन्द्र पर सोनोग्राफी करने पर दी जाने वाली सोनोग्राफी रिपोर्ट के साथ ही विभाग के द्वारा जारी सोनोग्राफी केन्द्र के पंजीकरण प्रमाण पत्र की छाया प्रति भी संलग्न कर देनी होगी। सोनोग्राफी रिपोर्ट पर सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सक स्वयं हस्ताक्षर करेंगे तथा रिपोर्ट पर डिजिटल हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे। उक्त प्रकरण में पारित निर्णय की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विभाग के विशिष्ट 7ाासन सचिव एवं राज्य समुचित प्राधिकारी द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। परिपत्र में इस बाबत् राज्य के सभी सोनोग्राफी संस्थानों को इस आदेश की पालना करने हेतु निर्देश जारी किए गए है। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के उक्त आदेश की पालना नहीं करने वाले सोनोग्राफी केन्द्रों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु कहा गया है।