मराठवाड़ा।। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में एक अजीब घटना सामने आई। यहां खाना लेकर जा रहे एक किसान का सिर्फ इसलिए अपहरण कर लिया गया क्योंकि अपहरण करने वाले के पास कई दिन से खाने को कुछ नहीं था। इतना ही नहीं, अपहरणकर्ता ने फिरौती में पैसा मांगने के बजाय खाने की ही मांग की।
खबरों के मुताबिक, घटना औरंगाबाद जिले के सिल्लोड तालुका के घंटाब्री गांव की है। एक किसान सुदाम सुरडकर रात को खाने का डब्बा लेकर जा रहे थे। रास्ते में एक व्यक्ति ने उससे खाने का डिब्बा छीन लिया। यही नहीं, उसने उस किसान से उसके घर पर फोन करवाकर फिरौती के रूप में भी खाना लेकर आने को कहा। मराठवाड़ा से मिली खबरों के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है।
मराठवाड़ा में सूखे की भयावहता को रेखांकित करने वाली यह घटना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दौरे से ठीक पहले हुई है। मुख्यमंत्री सूखे के हालात का जयाजा लेने के लिए मंगलवार से मराठवाड़ा का दौरा शुरू कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि किसानों की मदद के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार कर्ज लेगी, लेकिन किसानों के लिए पैसे की कमी नहीं होने देगी।
वॉटरशेड कार्यक्रमों की सिफारिश....
महाराष्ट्र जल संसाधन विभाग ने सूखे की समस्या से जूझ रहे मराठवाड़ा में राहत मुहैया कराने के लिए एक दीर्घकालीन नीति के तहत विकेंद्रीकृत जलाशयों के निर्माण और वॉटरशेड कार्यक्रमों के प्रसार की सिफारिश की है। विभाग ने यह रिपोर्ट गोदावरी नदी बेसिन के अध्ययन के आधार पर तैयार की है। गोदावरी बेसिन में उन जगहों की पहचान की गई है, जहां छोटे और मीडियम बांध बनाए जा सकते हैं।
सूखे से बदहाल मराठवाड़ा।
- सूखे का यहां लगातार चौथा साल है।
- किसानों के पास न खाने को अनाज है, न पीने को पानी।
- भू-जल स्तर 400 से 600 फुट नीचे चला गया है।
- बांधों में सिर्फ 5-7 पर्सेंट पानी बचा है।
- महीने में केवल दो दिन पीने का पानी मिलता है।
- 52,54,000 हेक्टेयर खेती है सूखे की चपटे में।
- कर्ज में डूबे हैं किसान।
- इस साल 523 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
- इनमें से केवल 344 के परिजन को ही मिली है सरकारी मदद...!!
खबरों के मुताबिक, घटना औरंगाबाद जिले के सिल्लोड तालुका के घंटाब्री गांव की है। एक किसान सुदाम सुरडकर रात को खाने का डब्बा लेकर जा रहे थे। रास्ते में एक व्यक्ति ने उससे खाने का डिब्बा छीन लिया। यही नहीं, उसने उस किसान से उसके घर पर फोन करवाकर फिरौती के रूप में भी खाना लेकर आने को कहा। मराठवाड़ा से मिली खबरों के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है।
मराठवाड़ा में सूखे की भयावहता को रेखांकित करने वाली यह घटना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दौरे से ठीक पहले हुई है। मुख्यमंत्री सूखे के हालात का जयाजा लेने के लिए मंगलवार से मराठवाड़ा का दौरा शुरू कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि किसानों की मदद के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार कर्ज लेगी, लेकिन किसानों के लिए पैसे की कमी नहीं होने देगी।
वॉटरशेड कार्यक्रमों की सिफारिश....
महाराष्ट्र जल संसाधन विभाग ने सूखे की समस्या से जूझ रहे मराठवाड़ा में राहत मुहैया कराने के लिए एक दीर्घकालीन नीति के तहत विकेंद्रीकृत जलाशयों के निर्माण और वॉटरशेड कार्यक्रमों के प्रसार की सिफारिश की है। विभाग ने यह रिपोर्ट गोदावरी नदी बेसिन के अध्ययन के आधार पर तैयार की है। गोदावरी बेसिन में उन जगहों की पहचान की गई है, जहां छोटे और मीडियम बांध बनाए जा सकते हैं।
सूखे से बदहाल मराठवाड़ा।
- सूखे का यहां लगातार चौथा साल है।
- किसानों के पास न खाने को अनाज है, न पीने को पानी।
- भू-जल स्तर 400 से 600 फुट नीचे चला गया है।
- बांधों में सिर्फ 5-7 पर्सेंट पानी बचा है।
- महीने में केवल दो दिन पीने का पानी मिलता है।
- 52,54,000 हेक्टेयर खेती है सूखे की चपटे में।
- कर्ज में डूबे हैं किसान।
- इस साल 523 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
- इनमें से केवल 344 के परिजन को ही मिली है सरकारी मदद...!!