सुसाइड नोट मिला जेब में ..
बनारस।। आखिर कब तक उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान छुट्टी के लिए करते रहेंगे आत्म हत्या ???
बनारस के चेतगंज थानाके सिपाही मिथलेश कुमार ने खुद को गोली मार ली। बीवी थी हॉस्पिटल मे थी एडमिट छुट्टी न मिलने के कारण उठाया ये कदम। दीवान जी थे 1987 बैच के । छुट्टी न मिलने के कारण लगातार कर रहे है उत्तर प्रदेश के पुलिस के सिपाही आत्म हत्या। आखिर कब तक हमारे साथ ये अन्याय होता रहेगा। क्यो हम पुलिस वाले इंसान नही है।
अन्य विभागों की तरह छुट्टी का प्रावधान पुलिस विभाग मे क्यो नही। हम अपने अधिकारो के लिए कभी धरने या आंदोलन मे नही उतरते इसका मतलब ये नही की सरकार ओर अधिकारी हमारा शोषण होता रहेगा। इस तरह की घटना से हर एक आदमी का खून खौल जाता है लेकिन हम पुलिस वाले जनता की हिफाज़त ओर राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी को महत्व देते है लेकिन हमारी कुर्बानी का कोई महत्व किसी के लिए कोई मायने रखता है की नही।
अब क्या मानवाधिकार सिर्फ आतंकवादी और अपराधियो के लिए ही है अब मीडिया ओर प्रदेश सरकार क्यो चुप है
- हमारे एक पुलिस भाई द्वारा भेजा गया हमें संदेश
बनारस।। आखिर कब तक उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान छुट्टी के लिए करते रहेंगे आत्म हत्या ???
बनारस के चेतगंज थानाके सिपाही मिथलेश कुमार ने खुद को गोली मार ली। बीवी थी हॉस्पिटल मे थी एडमिट छुट्टी न मिलने के कारण उठाया ये कदम। दीवान जी थे 1987 बैच के । छुट्टी न मिलने के कारण लगातार कर रहे है उत्तर प्रदेश के पुलिस के सिपाही आत्म हत्या। आखिर कब तक हमारे साथ ये अन्याय होता रहेगा। क्यो हम पुलिस वाले इंसान नही है।
अन्य विभागों की तरह छुट्टी का प्रावधान पुलिस विभाग मे क्यो नही। हम अपने अधिकारो के लिए कभी धरने या आंदोलन मे नही उतरते इसका मतलब ये नही की सरकार ओर अधिकारी हमारा शोषण होता रहेगा। इस तरह की घटना से हर एक आदमी का खून खौल जाता है लेकिन हम पुलिस वाले जनता की हिफाज़त ओर राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी को महत्व देते है लेकिन हमारी कुर्बानी का कोई महत्व किसी के लिए कोई मायने रखता है की नही।
अब क्या मानवाधिकार सिर्फ आतंकवादी और अपराधियो के लिए ही है अब मीडिया ओर प्रदेश सरकार क्यो चुप है
- हमारे एक पुलिस भाई द्वारा भेजा गया हमें संदेश
(आई. के. अकेला)