अगर सरदार पटेल न होते तो कैसा होता भारत, क्या होता यहां के लोगों का ?
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अगर सरदार पटेल न होते तो कैसा होता भारत, क्या होता यहां के लोगों का ?

लोह पुरुष सरदार पटेल सत सत नमन
    सरदार पटेल और यूनिटी का एक बड़ा नाता है। वो नाता जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है। वो नाता जिसकी वजह से करोड़ों भारतीय पाकिस्तानी बनने से बच गए। जी हां अगर पटेल न होते तो आज करोड़ों भारतीय पाकिस्तान के नागरिक होते। भारत का जो रूप हम देखते हैं उसका पूरा ताना-बाना देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने बुना था।
    इस बात का भी कई पुस्तकों में उल्लेख है कि कई मुद्दों पर उनका तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मतभेद था। इसके बाद भी पटेल ने हमेशा नेहरूजी के मान को बढ़ाए रखा और उनकी बात मानी। नेहरूजी द्वारा कश्मीर पर अपनाया गया रुख। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर किए गए पहले आक्रमण के समय अगर सरदार पटेल नेहरूजी की बात को अनसुना नहीं करते तो आज कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता। सरदार पटेल ने ही इंडियन रॉयल एयरफोर्स को कश्मीर जाने का आदेश दिया था। भारत की दो रियासते हैदराबाद और भोपाल को पाकिस्तान हिस्सा यहां के नबाव चाहते थे।
    सरदार पटेल की वजह से ही आज ये भारत का अंग हैं। देश की 562 छोटी बड़ी रियासतों को भारत में मिलाने का काम सरदार पटेल के ही प्रयासों से संभव हो पाया। इस बारे में महात्मा गांधी ने सरदार पटेल से कहा था कि रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे। सरदार पटेल और पंडित नेहरू दोनों ही समकालीन नेता थे। सरदार पटेल की क्षमता का अंदाजा पंडित नेहरू को भी था। उस समय लोग पटेल को नेहरू का उत्तराधिकारी मानने लगे थे। लक्षद्वीप समूह को भारत के साथ मिलाने में भी पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका थी।