नई दिल्ली।। कभी सुब्रत रॉय तो कभी लालू प्रसाद यादव. कभी कोई महंत तो कभी कोई मोदी. बाबा रामदेव ने हमेशा ही सही समय पर सही योग बैठाया. शायद यही वजह है कि दो दशक पहले तक दिल्ली की सड़कों पर ख़ाक छान रहे बाबा आज अरबों रूपए के औद्योगिक साम्राज्य के स्वामी है. इस साम्राज्य विस्तार में शुक्रवार को उन्होंने एक अहम कड़ी तब जोड़ी जब फ्यूचर ग्रुप के साथ उन्होंने कंज्यूमर आइटम बेचने का बड़ा करार किया. फ्यूचर ग्रुप की आने वाले 20 महीनो में रामदेव के उत्पादों से लगभग 1000 करोड़ के कारोबार की उम्मीद है.
हरिद्वार के महंत स्वामी शंकर देव के साथ आयुर्वेद की लोकल दवाएं बनाकर आयुर्वेद का ज्ञान लेने वाले बाबा के सफर पर एक नजररामदेव ने वर्तमान सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और आचार्य कर्मवीर के साथ अपने सफर की शुरुआत 1990-91 में की. उन्हें हरिद्वार के पास कनखल में त्रिपुर योग आश्रम में दवाई बनाने के लिए रखा गया. वही उनकी मुलाक़ात कृपालु बाग आश्रम के महंत स्वामी शंकर देव से हुई. शंकर देव का उस इलाके में काफी सम्मान था और इलाके में उनकी काफी जमीन भी थी. बाद में इन्ही संत के जायदाद का इस्तेमाल कर रामदेव ने 5 जनवरी 1995 को दिव्य योग मंदिर नामक ट्रस्ट की स्थापना की.
ट्रस्ट में महंत के रूप में स्वामी शंकर देव थे जबकि रामदेव खुद इसके अध्यक्ष बन गए. अपने सहयोगी आचार्य बाल कृष्ण को इसमें सचिव और कर्मवीर को उपाधयक्ष बनाया. ट्रस्ट का मूल उद्देश्य योग को आम लोगो तक पहुँचाना था. ट्रस्ट के शुरुआती नौ महीनो में ही रामदेव और बालकृष्ण ने अपने खिलाफ जा रहे लोगो को बाहर का रास्ता दिखाने का काम शुरू कर दिया शुरुआत हुई दो व्यसायिओं को बाहर निकालने से और अंत में में रामदेव ने अपने ही सहयोगी रहे उपाधयक्ष कर्मवीर को निकाल कर की.बाबा ने साथ ही ट्रस्ट के महंत से एक पेपर भी हस्ताक्षर करवा लिए, जिसमे यह कहा गया था की ट्रस्ट में होने वाले किसी भी तरह के विवाद में ट्रस्ट की सारी जायदाद इसी तरह के किसी ट्रस्ट को दे दिया जाये.
और इसी हस्ताक्षर के बाद रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण उस ट्रस्ट के मालिक बन बैठे.हालाँकि यहाँ यह बताना जरुरी है की ट्रस्ट के महंत रहे स्वामी शंकर देव साल 2007 के बाद रहस्यमय ढंग से लापता हो गए और उनका कुछ भी अता पता नहीं है. इसके खिलाफ रामदेव पर एक मुक़दमा भी दर्ज है.
वर्तमान में बाबा रामदेव देश विदेश में योग सिखाने के अलावा पतंजलि के हर्बल उत्पाद भी बनाते .उनकी कंपनी पतंजलि का 2014 में 1200 करोड़ का रहा था.इसके अलावा पतंजलि योगपीठ के स्कूल,अस्पताल भी हैं .हरिद्वार में हजारों एकड़ में फैला पतंजलि का आश्रम है.
(अभिनव राजवंश)