जयपुर।। देश में बीफ पर मचे बवाल को लेकर आध्यात्मिक हिंदू नेत्री साध्वी ऋतंभरा ने बेबाकी से अपनी राय दी है। उनका कहना है कि देश को आजादी गौ कसी के लिए नहीं मिली थी। महात्मा गांधी जब स्वराज की बात करते थे तो उसमें गो संरक्षण का सपना भी देखते थे। गाय दूध देते समय हिंदू और मुसलमान में फर्क नहीं करती है, फिर उसका कत्ल क्यों हो रहा है। देश को गो संरक्षण के लिए कानून की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जब-जब गो माता पर खंजर चलता है तो आत्माएं तड़पने लगती हैं। पंजाब में कूका आंदोलन के दौरान तोप के गोलों पर लगी गाय की चर्बी को मुंह से खोलने के लिए मना करने पर छोटे-छोटे बच्चों को तोप के मुंह पर बांधकर उड़ा दिया गया था। ये बलिदान गौ माता के लिए हुआ था। तमाम नौजवान देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। उनकी आजादी का सपना केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं था, बल्कि वो चाहते थे कि भारत मां आदाज होंगी तो कत्लखानों से गाएं चित्कार नहीं करेंगी।
अपनी बात कहने की आजादी है :
ये लोकतंत्र है। यहां सबको अपनी बात कहने की आजादी है। यह हर व्यक्ति के निष्ठा का सवाल है कि वो गाय को माता मानें या नहीं। यहां देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो चींटी की भी चिंता करते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पेट को ही कब्रगाह बना लेते हैं। भारत देश में तो गाय ही नहीं बल्कि नदी और धरती को भी मां का दर्जा दिया गया है। सांप को दूध पिलाने वाली संस्कृति में भला गो माता का कोई कत्ल कैसे कर सकता है। जैसे पंच तत्व सभी का है वैसे ही गाय भी सबकी है। किसी धर्म विशेष की नहीं। सभी को उसका आदर करना चाहिए।
मोदीदी जी पर भरोसा है :
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि देश को नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व मिला है। उनपर लोगों का भरोसा बना है। देश में कई सारी मूलभूत जरूरते हैं जो पूरी होंगी। देश में एक सहमति का माहौल बनेगा और हिंदू समाज को उनका अधिकार मिलेगा। चाहे कोई भी मजहब या जाति हो, पुरखे तो हम राम लला के ही हैं। जल्द ही रामलला टांट से निकलकर मंदिर में विराजमान होंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री को समय दिया जाना चाहिए।
उठेगा नेताजी के रहस्यों से पर्दा :
साध्वी ऋतंभरा ने माना कि देश में नेताजी के रहस्यों के लेकर एक बार फिर चर्चा शुरु हुई है। नेताजी के परिवार को आशा बंधी है। इस सरकार से उम्मीद है कि उनके रहस्यों से पर्दा उठाएगी।
उन्होंने कहा कि जब-जब गो माता पर खंजर चलता है तो आत्माएं तड़पने लगती हैं। पंजाब में कूका आंदोलन के दौरान तोप के गोलों पर लगी गाय की चर्बी को मुंह से खोलने के लिए मना करने पर छोटे-छोटे बच्चों को तोप के मुंह पर बांधकर उड़ा दिया गया था। ये बलिदान गौ माता के लिए हुआ था। तमाम नौजवान देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। उनकी आजादी का सपना केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं था, बल्कि वो चाहते थे कि भारत मां आदाज होंगी तो कत्लखानों से गाएं चित्कार नहीं करेंगी।
अपनी बात कहने की आजादी है :
ये लोकतंत्र है। यहां सबको अपनी बात कहने की आजादी है। यह हर व्यक्ति के निष्ठा का सवाल है कि वो गाय को माता मानें या नहीं। यहां देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो चींटी की भी चिंता करते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पेट को ही कब्रगाह बना लेते हैं। भारत देश में तो गाय ही नहीं बल्कि नदी और धरती को भी मां का दर्जा दिया गया है। सांप को दूध पिलाने वाली संस्कृति में भला गो माता का कोई कत्ल कैसे कर सकता है। जैसे पंच तत्व सभी का है वैसे ही गाय भी सबकी है। किसी धर्म विशेष की नहीं। सभी को उसका आदर करना चाहिए।
मोदीदी जी पर भरोसा है :
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि देश को नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व मिला है। उनपर लोगों का भरोसा बना है। देश में कई सारी मूलभूत जरूरते हैं जो पूरी होंगी। देश में एक सहमति का माहौल बनेगा और हिंदू समाज को उनका अधिकार मिलेगा। चाहे कोई भी मजहब या जाति हो, पुरखे तो हम राम लला के ही हैं। जल्द ही रामलला टांट से निकलकर मंदिर में विराजमान होंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री को समय दिया जाना चाहिए।
उठेगा नेताजी के रहस्यों से पर्दा :
साध्वी ऋतंभरा ने माना कि देश में नेताजी के रहस्यों के लेकर एक बार फिर चर्चा शुरु हुई है। नेताजी के परिवार को आशा बंधी है। इस सरकार से उम्मीद है कि उनके रहस्यों से पर्दा उठाएगी।