नई दिल्ली।। देश के दो डॉक्टरों ने बच्चों की सेहत से जुड़े दो नायाब काम किए हैं। एक ने 20 मोबाइल एप बनाए हैं। ये एप बताएगा कि डॉक्टर बच्चों को कितनी दवा दें। वहीं दूसरे डॉक्टर ने बच्चों को विकिरण से बचाने के लिए नई तकनीक खोजी है।
नागपुर के एमडी पीडियाट्रिक्स डॉ. सतीश देवपुजारी ने अभिभावकों के लिए ऐसा एप बनाया है जो डॉक्टर की दी दवा को सही मात्रा और सही समय पर देने में मदद करेगा। इतना ही नहीं इस एप्लीकेशन में एक अलॉर्म भी होगा, जो अगले डोज के पहले बज उठेगा, ताकि बच्चे को समय पर दवा मिल जाए।
मोबाइल एप में बच्चे की उम्र, हाइट और कुछ जांच रिपोर्ट की जानकारी डालने से संबंधित बीमारी में दवा, उसकी खुराक और उचित वक्त की जानकारी मिल जाएगी। एप यह भी बताते हैं कि बीमारी की वजह क्या थी, ताकि भविष्य में सचेत रहा जाए। दुनिया में अपनी तरह के अनोखे एप को अमेरिका के डॉक्टर भी पसंद कर रहे हैं।
मोबाइल एप में बच्चे की उम्र, हाइट और कुछ जांच रिपोर्ट की जानकारी डालने से संबंधित बीमारी में दवा, उसकी खुराक और उचित वक्त की जानकारी मिल जाएगी। एप यह भी बताते हैं कि बीमारी की वजह क्या थी, ताकि भविष्य में सचेत रहा जाए। दुनिया में अपनी तरह के अनोखे एप को अमेरिका के डॉक्टर भी पसंद कर रहे हैं।
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक डॉ. धीरेंद्र गुप्ता को यह बात सदैव कचोटती थी कि सीटी स्कैन कराने से बच्चों के शरीर पर बुरा असर पड़ता है। डॉ गुप्ता ने तकनीकी दुनिया में रिसर्च की। दो एक्स-रे फिल्म को मिलाकर एक एसी एक्स-रे फिल्म तैयार की, जिसमें स्पष्ट तस्वीर आती है। उन्होंने इसे सुपर इंपोजिशन थ्री डी टेक्नोलॉजी नाम दिया गया। इस एक्स-रे से बच्चों में सीटी स्कैन की जरूरत को बेहद कम किया है। इससे सीटी स्कैन का खर्च तो कम हुआ ही, इससे बच्चों को सीटी स्कैन के दौरान होने वाले रेडिएशन का खतरा भी बहुत कम होता है।