शामली।। मोहित के पिता राजेश कुमार और उनकी माता सुषमा देवी इस कंपनी में बतौर एडिशनल डायरेक्टर हैं. जो आज भी शामली के ही पाकिस्तान मंडी में रहते हैं.
मोहित एक मिडिल क्लास फैमली से हैं उनके पिता की पूरी जिंदगी उसी किरानें की दुकान को चालते हो गए, लेकिन उनके बेटे मोहित गोयल ने शामली से दिल्ली तक का सफर उसी दुकान से शुरू किया. मोहित की प्रारंभिक शिक्षा शामली के सेंटर्सी कॉन्वेंट स्कूल में हुई है. फिर उन्होंने नोएडा के एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया.
मोहित एक मिडिल क्लास फैमली से हैं उनके पिता की पूरी जिंदगी उसी किरानें की दुकान को चालते हो गए, लेकिन उनके बेटे मोहित गोयल ने शामली से दिल्ली तक का सफर उसी दुकान से शुरू किया. मोहित की प्रारंभिक शिक्षा शामली के सेंटर्सी कॉन्वेंट स्कूल में हुई है. फिर उन्होंने नोएडा के एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया.
मोहित पहले अपने पिता की दुकान में ही हाथ बंटाया करता था. उनके पिता कहते हैं कि मोहित को लोगों की सेवा करने का पहले से ही शौक था. मोहित को गरीबों की मदद करना अच्छा लगता है.
उनका दावा हैं कि उनके बेटे का ये सपना जरूर साकार होगा, वो लोगों तक दुनिया का सबसे सस्ता फोन पहुंचाने में जरूर सफल होंगे. हालांकि, उनके इन दावों में कितनी हकीकत है, ये तो सस्ते फोन मिलने के बाद ही तय होगा.
पहले हुई क्रैश, अब नहीं हो रही सबसे सस्ते फ्रीडम 251 स्मार्टफोन की बुकिंग
मोहित पहले से किसी अमिर पिता की औलाद नहीं है. संशय इस बात को लेकर है कि एक मामूली सी दुकान चलाने वाला मोहित कैसे देश के लोगों को 251 रुपए में स्मार्टफोन दे पाएगा?
उनका दावा हैं कि उनके बेटे का ये सपना जरूर साकार होगा, वो लोगों तक दुनिया का सबसे सस्ता फोन पहुंचाने में जरूर सफल होंगे. हालांकि, उनके इन दावों में कितनी हकीकत है, ये तो सस्ते फोन मिलने के बाद ही तय होगा.
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