इटावा।। अमर सिंह और घनश्याम दोनों पुरुष हैं पर अमर सिंह ने घनश्याम की मांग भर दी है और घनश्याम रोज सिंदूर लगाता है। दोनों पति-पत्नी के तौर पर रहते हैं। घनश्याम ने अपना नाम घनश्याम से बदल कर काजल रख लिया है। घनश्याम से काजल बने इस शख्स ने अब महिलाओं की तरह कपड़े पहनना शुरू कर दिया है और ऋंगार करना शुरू कर दिया है। वह अब हाथों में चूड़ियां और महिलाओं के दूसरे ऋंगार के सामान पहनता है और घनश्याम के बच्चों की देखभाल करता है।
अमर सिंह की पहली पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। अब घनश्याम अमर सिंह के दोनों बच्चों के साथ ही रहता है। यूपी के मैनपुरी जिले के बिछवां के गांव कुबेरपुर निवासी घनश्याम (30 वर्ष) को नाच-गाने का शौक था। अक्सर वह डांस पार्टियों में जाता था।
पांच माह पहले उसकी मुलाकात पड़ोसी गांव नगला ऊजीर निवासी अमर सिंह (35 वर्ष) से हुई। अमर सिंह की पत्नी की दो साल पहले मौत हो गई थी, तीनों बच्चों की परवरिश वही करता था। किसान अमर सिंह और घनश्याम में धीरे-धीरे घनिष्ठता बढ़ी, फिर दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
कुछ दिनों बाद शादी कर घर बसाने की सोच ली। घनश्याम ने अमर सिंह के लिए अपना नाम बदलकर काजल कर लिया। दो माह पूर्व घनश्याम अमर सिंह के घर चला गया और उसकी पत्नी बनकर रहने लगा। घर वालों ने उसे खूब समझाया, लेकिन वह अमर सिंह को किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं हुआ।
घनश्याम औरतों की तरह कपड़े पहनने लगा और चूड़ी-बिछिया के साथ ही अमर सिंह के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भरने लगा। सोमवार को अमर सिंह के साथ घनश्याम अपने घर पहुंचा। उसे औरत के रूप में और कपड़ों में देख ग्रामीणों की भीड़ लग गई।
घनश्याम की मां ने उसे मना किया और अमर सिंह को छोड़ घर आने की बात कही। इससे काजल बना घनश्याम नाराज हो गया। उसने मां और गांव वालों के सामने साफ कहा कि वह किसी भी सूरत में अमर सिंह को नहीं छोड़ेगा और उसी के साथ पत्नी के रूप में रहेगा। उसकी मां, भाई और भाभी ने जब ज्यादा विरोध किया, तो वह उनसे झगड़ा कर अमर सिंह के साथ उसके घर लौट गया।
अमर सिंह की पहली पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। अब घनश्याम अमर सिंह के दोनों बच्चों के साथ ही रहता है। यूपी के मैनपुरी जिले के बिछवां के गांव कुबेरपुर निवासी घनश्याम (30 वर्ष) को नाच-गाने का शौक था। अक्सर वह डांस पार्टियों में जाता था।
पांच माह पहले उसकी मुलाकात पड़ोसी गांव नगला ऊजीर निवासी अमर सिंह (35 वर्ष) से हुई। अमर सिंह की पत्नी की दो साल पहले मौत हो गई थी, तीनों बच्चों की परवरिश वही करता था। किसान अमर सिंह और घनश्याम में धीरे-धीरे घनिष्ठता बढ़ी, फिर दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
कुछ दिनों बाद शादी कर घर बसाने की सोच ली। घनश्याम ने अमर सिंह के लिए अपना नाम बदलकर काजल कर लिया। दो माह पूर्व घनश्याम अमर सिंह के घर चला गया और उसकी पत्नी बनकर रहने लगा। घर वालों ने उसे खूब समझाया, लेकिन वह अमर सिंह को किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं हुआ।
घनश्याम औरतों की तरह कपड़े पहनने लगा और चूड़ी-बिछिया के साथ ही अमर सिंह के नाम का सिंदूर अपनी मांग में भरने लगा। सोमवार को अमर सिंह के साथ घनश्याम अपने घर पहुंचा। उसे औरत के रूप में और कपड़ों में देख ग्रामीणों की भीड़ लग गई।
घनश्याम की मां ने उसे मना किया और अमर सिंह को छोड़ घर आने की बात कही। इससे काजल बना घनश्याम नाराज हो गया। उसने मां और गांव वालों के सामने साफ कहा कि वह किसी भी सूरत में अमर सिंह को नहीं छोड़ेगा और उसी के साथ पत्नी के रूप में रहेगा। उसकी मां, भाई और भाभी ने जब ज्यादा विरोध किया, तो वह उनसे झगड़ा कर अमर सिंह के साथ उसके घर लौट गया।