सपा पार्टी के मंत्री के बेटे ने पत्रकार को मारी गोली
Headline News
Loading...

Ads Area

सपा पार्टी के मंत्री के बेटे ने पत्रकार को मारी गोली

    उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉक्टर शिव प्रताप यादव के बेटे राकेश यादव पर दर्जनों सहयोगियों के साथ पत्रकारों पर हमला करने का आरोप है। इस वारदात में एक स्थानीय पत्रकार राकेश सिंह की हालत गंभीर है। उन्हें जिला मेमोरियल अस्पताल बलरामपुर में भर्ती करवाया गया है। इसके अलावा कुछ और पत्रकारों के जख्मी होने की खबर है। यह मारपीट बलरामपुर जिले के गैंसड़ी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान हुई। चश्मदीद के मुताबिक, मंत्री के बेटे राकेश यादव सैकडों समर्थकों के साथ अपने कथित तौर पर ब्लाक प्रमुख उम्मीदवार श्याम कुमार जायसवाल की पत्नी के पक्ष में वोट डलवा रहे थे। इसी दौरान दोपहर लगभग 12 बजे राकेश यादव ने एक महिला वोटर से जबरन वोट डलवाने की कोशिश की। यह हंगामा सुनकर वहां मौजूद पत्रकार भी पहुंच गए और हैंडीकैम से रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। चश्मदीद का आरोप है कि यह देखकर मंत्री एस पी यादव भड़क उठे और उन्हीं के इशारे पर उनके बेटे राकेश यादव ने अपनी रिवॉल्वर पत्रकारों पर तान दी। फिर उन्होंने अपने समर्थकों को पत्रकारों पर हमले के लिए उकसाया और लाठी, डंडा, सरिया चलने लगा। इस बीच सभी पत्रकार जान बचा कर इधर उधर भागने लगे कि तभी मंत्री पुत्र ने कट्टे से स्थानीय पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक पर फायर कर दिया। राकेश खून से लथपथ होकर सड़क पर ही गिर गए। राकेश सिंह स्थानीय अखबार निर्भीक दैनिक के रिपोर्टर हैं। जख्मी हालत में राकेश को जिला मेमोरियल हॉस्पिटल बलरामपुर ले जाया गया जहां हालत नाजुक होने के नाते उन्हें लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। जख्मी हालत में ही राकेश सिंह ने नगर कोतवाली इंचार्ज मधुर मिश्रा पर बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि सत्तापक्ष का दबाव होने के कारण मधुर मिश्रा ने उनकी पत्नी के साथ अभद्रता की। वहीं पुलिस की कार्रवाई और मंत्री डॉक्टर शिव प्रताप यादव के इशारे पर उनके बेटे राकेश यादव के जरिए पत्रकारों पर किए गए हमले से पत्रकारों में काफी गुस्सा है। समाजसेवी अनुराग यादव, शाबान अली, बीजेपी के जिला अध्यक्ष राकेश सिंह, जिला मिडिया प्रभारी धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह समेत अधिवक्ताओं ने भी पत्रकारों पर किए गए हमले की निन्दा की है। खबर लिखे जाने तक पुलिस ने पत्रकार पर जानलेवा हमले की रिपोर्ट नहीं लिखी थी।