खनन माफियाओ ने होली से पूर्व ही खेल डाली मजदूरो के खून की होली
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खनन माफियाओ ने होली से पूर्व ही खेल डाली मजदूरो के खून की होली

     सोनभद्र।। सोनभद्र की धरती पर मौत फिर कहर बन कर आया होली तो अभी मार्च में है लेकिन आज फरवरी में ही खनन माफियाओ ने खून की होली खेल अपने परिवार वालो के लिए होली की तैयारी शुरू कर दी। सोनभद्र का जिला प्रशासन इनको तो अब इतिहास के पन्नो पर पढ़ा जाएगा की सोनभद्र में भी कोई प्रशासन हुआ करता था। वैसे भी सोनभद्र की प्रशासन तो एक सर्वेयर के इसारो पर चलती है जो की अपने आप को मंत्री जी का रिस्तेदार बताताफिरता है अब कौन मंत्री के रिस्तेदार है ये तो सर्वेयर जाने या उनकी दलाली करने वाले जाने।
    अब हादशे की ओर नज़र डाले सोनभद्र ओबरा बिल्ली मारकुंडी के रासपहाड़ी में जब अवैध पहाड़ी में मजदूरो द्वारा पत्थर में ब्लास्टिंग के लिए होल भरा जा रहा था तभी एक जबरदस्त धमाका होता है वो धमाका तीन निर्दोष मजदूरो की जान ले लेता है और आधा दर्जन से ज्यादा मजदूरो को गंभीर घायल कर देता है खदान तो लिज है लेकिन कायदे कानून से वो खदान पूरी तरह से अवैध है उस ब्लास्टिंग के बाद आनन फानन में लाशो को हटाने का कार्य तेजी से किया जाता है अब लाश तीन थी या आधा दर्जन से ऊपर वो तो जांच का विषय है खैर जाँच की बात ही करना बैमानि होगी क्यों की यहाँ तो जाँच के नाम पर अब कई अधिकारी लखनऊ और दिल्ली से आयेगे और उसके बाद धूम धाम से होली मनायेगे।
खनन माफियाओ के शब्द -
    किसी बड़े हादसे के बाद अगर खनन बंद होने की स्थिति बनती है तो खनन माफियाओ का एक सुर में आम जनता व्यवसाइयों से पूर्वांचल की बात करते है कहते है खनन बंद होने से लाखो बेरोजगार हो जायेगे सड़को पर सन्नाटा पसर जाएगा इन बातो से लोगो को लुभा कर अपने ओर आकर्षित कर जम कर अवैध खनन करते है और जम कर मजदूरो की जान भी लेते है।
आइये जानते है खनन माफियाओ के सबसे करीबियों को.....
खनन विभाग - खनन विभाग में बैठा अधिकारी व चपरासी मंत्री जी के करीबी सर्वेयर के आदेश के बिना नहीं करते है कोई कार्य खनन माफिया लगाते है मंत्री के करीबी सर्वेयर के पास दरबारी।
नेता -लोग की खादी तो कमाल का कार्य करता है अब हादशा हुआ है तो आम जनता को इकट्ठा किया जाएगा वही आम जनता जो अपने और परिवार के पेट की भूख की तड़प के खातिर इन खतरनाक पहाड़ियों में अपनी जान देने आते है इनका भरपूर इस्तमाल किया जाता है अपनी राजनीती चमकाने और होली जैसे बड़े पर्व को खुसी से मनाने के लिए बस ये है की ये बगल वाले को पता नहीं चलने देते की हम मजदूरो के जीवन की रक्षा के लिए सड़क पर है की अपनी इछाओ के लिए सड़क पर है।
कलमकार -ईमानदार कलमकार को सलाम ?
खनन माफियाओ के कलमकार मित्रो के लिए तो शब्द ही नहीं है वैसे जो भी खनन माफियाओ का मित्र होगा वो इस को पढ़ कर समझ गया होगा की वो मैं ही हु .....
लेखपाल- इनको लिज की आड़ में ही सुकून है.वैसे जिला प्रशासन इनको बिल्ली खनन इलाके में तैनात कर के भूल गई है.वैसे ये खनन माफियाओ के साथ ज्यादा समय बिताते है
वन विभाग -खनन माफियाओ से इनका पुराना रिस्ता रहा है.
दिल्ली लखनऊ से लेकर सोनभद्र तक इन खनन माफियाओ के मित्र है जो की इस निर्दोष और लाचार मजदूरो के मौत में इन माफियाओ के साथी रहे है।
 
 
(रोहित श्रीवास्तव)