नेस्ले कंपनी की मैगी नूडल्स जांच में फिर फेल हो गए हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मैगी नूडल्स के साथ पैकिंग में आने वाले टेस्टमेकर (मसाला) में ऐश (राख) की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है।
लखनऊ स्थित प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने विक्रेता और नेस्ले कंपनी को नोटिस भेजने की बात कही है। इससे पहले भी मैगी नूडल्स जांच में फेल हो चुका है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सफेदाबाद स्थित सुधांशु कूल कॉर्नर से खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने नेस्ले की मैगी का नमूना 5 फरवरी 16 को भरा था।
यह नमूना पदाभिहीत अधिकारी ने जांच के लिए लखनऊ स्थित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला में भेजा था। मंगलवार को इसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। खाद्य विश्लेषक ज्योत्सना बाजपेयी की रिपोर्ट के मुताबिक, नूडल्स के टेस्टमेकर में ऐश (राख) की मात्रा मानक से 0.85 प्रतिशत ज्यादा पाई गई है जबकि मानक 1 प्रतिशत तक ऐश मिलाने का है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने मैगी नूडल्स विक्रेता और कंपनी को नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि इससे पहले मार्च 2014 में जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित एक मेगा मार्ट से नेस्ले की मैगी का नमूना जांच के लिए भेजा गया था।
जांच गोरखपुर स्थित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला से कराई गई थी। रिपोर्ट में मैगी नूडल्स में लेड (सीसा) और मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई थी। जिसके बाद इसकी बिक्री बंद हो गई थी।
‘नेस्ले कंपनी की मैगी नूडल्स का नमूना फरवरी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सदर ने सफेदाबाद से एक विक्रेता के यहां से भरा था। लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में नमूना जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में ऐश (राख) की मात्रा 1 प्रतिशत होनी चाहिए लेकिन 1.85 प्रतिशत पाई गई है। विक्रेता और कंपनी दोनों को नोटिस जारी किया जाएगा।’- मनोज कुमार वर्मा अभिहीत अधिकारी, एफएसडीए
बाराबंकी के सीएमओ डॉ. रवींद्र कुमार का कहना है, नियमित सेवन से गुर्दे पर होगा असर किसी भी खाद्य पदार्थ में ऐश (राख) की मात्रा होती तो यह सीधे गुर्दे पर असर करती है। इसके नियमित सेवन से गुर्दा खराब हो सकता है।
लखनऊ स्थित प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने विक्रेता और नेस्ले कंपनी को नोटिस भेजने की बात कही है। इससे पहले भी मैगी नूडल्स जांच में फेल हो चुका है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सफेदाबाद स्थित सुधांशु कूल कॉर्नर से खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने नेस्ले की मैगी का नमूना 5 फरवरी 16 को भरा था।
यह नमूना पदाभिहीत अधिकारी ने जांच के लिए लखनऊ स्थित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला में भेजा था। मंगलवार को इसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। खाद्य विश्लेषक ज्योत्सना बाजपेयी की रिपोर्ट के मुताबिक, नूडल्स के टेस्टमेकर में ऐश (राख) की मात्रा मानक से 0.85 प्रतिशत ज्यादा पाई गई है जबकि मानक 1 प्रतिशत तक ऐश मिलाने का है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने मैगी नूडल्स विक्रेता और कंपनी को नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि इससे पहले मार्च 2014 में जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित एक मेगा मार्ट से नेस्ले की मैगी का नमूना जांच के लिए भेजा गया था।
जांच गोरखपुर स्थित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला से कराई गई थी। रिपोर्ट में मैगी नूडल्स में लेड (सीसा) और मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई थी। जिसके बाद इसकी बिक्री बंद हो गई थी।
‘नेस्ले कंपनी की मैगी नूडल्स का नमूना फरवरी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सदर ने सफेदाबाद से एक विक्रेता के यहां से भरा था। लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में नमूना जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में ऐश (राख) की मात्रा 1 प्रतिशत होनी चाहिए लेकिन 1.85 प्रतिशत पाई गई है। विक्रेता और कंपनी दोनों को नोटिस जारी किया जाएगा।’- मनोज कुमार वर्मा अभिहीत अधिकारी, एफएसडीए
बाराबंकी के सीएमओ डॉ. रवींद्र कुमार का कहना है, नियमित सेवन से गुर्दे पर होगा असर किसी भी खाद्य पदार्थ में ऐश (राख) की मात्रा होती तो यह सीधे गुर्दे पर असर करती है। इसके नियमित सेवन से गुर्दा खराब हो सकता है।