स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भिड़ने वाली आईपीएस संगीता कालिया पहली बार मीडिया के सामने बेबाक बोलीं तो सभी दंग रह गए।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में संगीता कालिया ने बताया वह छह नौकरियों के ऑफर को छोड़कर पुलिस विभाग में आईं हैं। वर्दी पहनते हुए कसम खाई थी कि इसकी आन-बान पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी और इसी काम को मैंने हरेक पोस्टिंग पर करने की कोशिश की है।
ट्रांसफर को लेकर कालिया के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखीं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है तो कुछ सोच समझकर ही लिया होगा। उनके मन में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रति कोई शिकवा नहीं है। ट्रांसफर और पोस्टिंग तो अफसरी जीवन का हिस्सा है।
फतेहाबाद में उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि फतेहाबाद में भी उन्होंने यही वादा खुद से किया था। मैंने कभी भी किसी काम के लिए झूठ का सहारा नहीं लिया। मौजूदा विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने साफ किया कि मंत्री के लिए उनके मन में कोई शिकवा नहीं है।
गौरतलब है कि एसपी कालिया के तबादले के आदेश जारी होते ही प्रदेश में राजनीतिक और अधिकारी तबके के लोग दो धड़ों में बंटे हुए हैं, लेकिन संगीता अपनी बात पर कायम हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। तबादले को लेकर भी उन्हें सरकार से किसी तरह का गिला-शिकवा भी नहीं है।
एसपी संगीता कालिया भिवानी जिले के एक साधारण परिवार में जन्मी। कुछ अलग करने का सपना देखा और उसे पूरा किया। बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि जिस पुलिस विभाग में उसके पिता कारपेंटर हुआ करते थे आज उसी विभाग में खुद एसपी के पद पर तैनात हैं।
एसपी कालिया बताती हैं कि उन्होंने उड़ान नाटक देखा और उसी से प्ररेणा लेकर आगे बढ़ी। पिता धर्मपाल जिस वर्ष में पुलिस विभाग से रिटायर हुए उसी वर्ष 2010 में हरियाणा पुलिस में आईपीएस के पद पर ज्वाइन किया। बेहद ईमानदारी अफसर मानी जाती हैं।
संगीता ने साल 2005 में सिविल सर्विसेज का पेपर दिया, लेकिन वे सफल नहीं हुई। रेलवे में नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं की। 2009 बैच में तीसरे प्रयास में IPS में सिलेक्ट संगीता लिटरेचर और म्यूजिक में भी दिलचस्पी रखती हैं। रोजाना 15 घंटे काम करती हैं। बेहद ईमानदारी मानी जाती हैं।
एसपी संगीता कालिया ने इसी साल 9 फरवरी को फतेहाबाद में बतौर एसपी ज्वाइन किया था। अपनी ज्वायनिंग के बाद से एसपी संगीता कालिया फील्ड में सक्रिय रही और उनकी सक्रियता का असर पुलिस के कामकाज पर भी दिखा। उनके नेतृत्व में पिछले दस माह में फतेहाबाद पुलिस ने कई बड़े केस हल किए हैं।
महज दो-तीन दिन पहले ढिंगसरा रेप केस में 60 लाख रुपये की ब्लैकमेलिंग का मामला भी एसपी ने ही उजागर किया था। इससे पहले लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए कराटे सिखाने और महिला पुलिस कर्मियों के बच्चों के लालन-पालन के लिए हाल ही में क्रेच खुलवाया।
फतेहाबाद में इतनी जल्दी महिला थाना की बिल्डिंग बनवाने का श्रेय भी एसपी संगीता कालिया को ही जाता है। इसके अलावा कई ब्लाइंड मर्डर केस भी उनके नेतृत्व में फतेहाबाद पुलिस ने सुलझाएं हैं। भारत और पिंकी मर्डर में फरार मोस्ट वांटेड अपराधियों को संगीता ने खोज निकाला।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में संगीता कालिया ने बताया वह छह नौकरियों के ऑफर को छोड़कर पुलिस विभाग में आईं हैं। वर्दी पहनते हुए कसम खाई थी कि इसकी आन-बान पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी और इसी काम को मैंने हरेक पोस्टिंग पर करने की कोशिश की है।
ट्रांसफर को लेकर कालिया के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखीं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है तो कुछ सोच समझकर ही लिया होगा। उनके मन में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रति कोई शिकवा नहीं है। ट्रांसफर और पोस्टिंग तो अफसरी जीवन का हिस्सा है।
फतेहाबाद में उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि फतेहाबाद में भी उन्होंने यही वादा खुद से किया था। मैंने कभी भी किसी काम के लिए झूठ का सहारा नहीं लिया। मौजूदा विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने साफ किया कि मंत्री के लिए उनके मन में कोई शिकवा नहीं है।
गौरतलब है कि एसपी कालिया के तबादले के आदेश जारी होते ही प्रदेश में राजनीतिक और अधिकारी तबके के लोग दो धड़ों में बंटे हुए हैं, लेकिन संगीता अपनी बात पर कायम हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। तबादले को लेकर भी उन्हें सरकार से किसी तरह का गिला-शिकवा भी नहीं है।
एसपी संगीता कालिया भिवानी जिले के एक साधारण परिवार में जन्मी। कुछ अलग करने का सपना देखा और उसे पूरा किया। बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि जिस पुलिस विभाग में उसके पिता कारपेंटर हुआ करते थे आज उसी विभाग में खुद एसपी के पद पर तैनात हैं।
एसपी कालिया बताती हैं कि उन्होंने उड़ान नाटक देखा और उसी से प्ररेणा लेकर आगे बढ़ी। पिता धर्मपाल जिस वर्ष में पुलिस विभाग से रिटायर हुए उसी वर्ष 2010 में हरियाणा पुलिस में आईपीएस के पद पर ज्वाइन किया। बेहद ईमानदारी अफसर मानी जाती हैं।
संगीता ने साल 2005 में सिविल सर्विसेज का पेपर दिया, लेकिन वे सफल नहीं हुई। रेलवे में नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं की। 2009 बैच में तीसरे प्रयास में IPS में सिलेक्ट संगीता लिटरेचर और म्यूजिक में भी दिलचस्पी रखती हैं। रोजाना 15 घंटे काम करती हैं। बेहद ईमानदारी मानी जाती हैं।
एसपी संगीता कालिया ने इसी साल 9 फरवरी को फतेहाबाद में बतौर एसपी ज्वाइन किया था। अपनी ज्वायनिंग के बाद से एसपी संगीता कालिया फील्ड में सक्रिय रही और उनकी सक्रियता का असर पुलिस के कामकाज पर भी दिखा। उनके नेतृत्व में पिछले दस माह में फतेहाबाद पुलिस ने कई बड़े केस हल किए हैं।
महज दो-तीन दिन पहले ढिंगसरा रेप केस में 60 लाख रुपये की ब्लैकमेलिंग का मामला भी एसपी ने ही उजागर किया था। इससे पहले लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए कराटे सिखाने और महिला पुलिस कर्मियों के बच्चों के लालन-पालन के लिए हाल ही में क्रेच खुलवाया।
फतेहाबाद में इतनी जल्दी महिला थाना की बिल्डिंग बनवाने का श्रेय भी एसपी संगीता कालिया को ही जाता है। इसके अलावा कई ब्लाइंड मर्डर केस भी उनके नेतृत्व में फतेहाबाद पुलिस ने सुलझाएं हैं। भारत और पिंकी मर्डर में फरार मोस्ट वांटेड अपराधियों को संगीता ने खोज निकाला।