सरकार ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पिछले साढे 10 वर्षो के दौरान भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत भ्रष्टाचार के 6737 मामलों की जांच की है.
लोकसभा में तारिक अनवर के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत एवं प्रशिक्षण राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि 2016 में जून तक भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत 381 मामलों का निपटारा किया गया. 2015 में इस कानून के तहत 722 मामलों, 2014 में 770 मामलों, 2013 में 921 मामलों का और 2012 में 865 मामलों का निपटारा किया गया.
भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत 2016 में जून माह तक 234 मामलों में दोष सिद्धि हुई जबकि 135 मामलों में दोषमुक्ति हुई. इसी प्रकार से भ्रष्टाचार निवारक कानून के तहत 2015 में 434 मामलों में दोषसिद्धि हुई और 237 मामलों में दोषसिद्धि हुई. साल 2014 में इस कानून के तहत 509 मामलों में दोषसिद्धि हुई और 213 मामलों में दोषमुक्ति हुई.
मंत्री ने बताया कि मामलों के अंतिम निपटान में लगने वाले समय को कम करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों के मामलों के अभियोजन के लिए भारत भर में स्थित 46 से अधिक विशेष न्यायाधीश न्यायालयों के अतिरिक्त सरकार ने 92 विशेष न्यायालयों के लिए स्वीकृति प्रदान की है जिसमें से 88 विशेष न्यायालय कार्य करना शुरू कर चुके हैं.