एनआरएचएम घोटाले की सीबीआई जांच के बाद वर्ष 2012 में पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था। तीन वर्ष बाद सीबीआई ने 18 जुलाई 2016 में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। अदालत रिक्त होने के कारण तब 23 अगस्त तारीख लगी थी।
आरोप पत्र के साथ ही वारंट
सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में विशेष न्यायाधीश पीके तिवारी की नियुक्ति के बाद मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक ने पूर्व मंत्री के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया। देर शाम अदालत ने आरोप पत्र संज्ञान में ले लिया। अदालत ने आरोप पत्र में आरोपी बनाए पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा उर्फ अंटू मिश्रा, उनके पिता दिनेश मिश्रा और माता बिमला मिश्रा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
कई गंभीर आरोप हैं
जानकार सूत्र बताते हैं कि पूर्व मंत्री पर स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की तैनाती में मनमानी करने और माता-पिता के नाम से फर्म बनाकर व टेंडर देकर लाभ कमाने के गंभीर आरोप हैं। सीबीआई ने आरोप पत्र में पूर्व मंत्री के माता-पिता को भी आरोपी बनाया है।
पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा भी फंसे हैं
बसपा प्रमुख मायावती के शासन काल में वर्ष 2007 से 2012 तक सूबे में करोड़ों रुपये का एनआरएचएम घोटाला हुआ था। मायावती के बेहद करीबी, प्रभावी और कद्दवर मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, कई नौकरशाह और तत्कालीन विधायक समेत स्वास्थ्य विभाग के दर्जनों अधिकारी और दवा आपूर्ति करने वाले इस मामले में जेल जा चुके हैं। कुशवाहा और वरिष्ठ नौकरशाह प्रदीप शुक्ल अभी जमानत पर हैं।