राष्ट्रिय स्वेयसेवक संघ (आरएसएस) एक संगठन जो हेडगेवार द्वारा 27 सितम्बर 1925 को दशहरा पर अस्तित्व में आया। जिसकी सोच राष्ट्रवाद और हिन्दू राष्ट्र पर आधारित है।
बैठक, व्यायाम, चर्चा को आधार बना 100 वर्ष से कम समय में दुनिया का सबसे बड़ा स्वेयसेवक संघ बन चूका आरएसएस अपने विशाल अस्तित्व में प्रत्येक उम्र के व्यक्ति को समावेशित किये हुए है।
बीजेपी का पोषक संघ 2014 से बहुत अधिक चर्चा में आया। अमूमन रुट लेवल पर बिना चर्चा में आए स्वेयम सेवक अपने कार्यो को लगातार चर्चा के आधार पर अंजाम देते है।
2014 के बाद से अचानक अधिकांश हिन्दू आरएसएस की शाखाओं में जाने लगे है। कुछ स्थानों पर आरएसएस की शाखाओं से मुस्लिम भी जुड़े है, वहां मुद्दा राष्ट्रवाद है।
संघ अपनी ड्रेस में कुछ बदलाव लाया है अब खाकी चौड़ी निक्कर की जगह पेंट ने ले ली है। एक अनुशासनात्मक संगठन है संघ जिससे जुड़ने वालो की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
बैठक, व्यायाम, चर्चा को आधार बना 100 वर्ष से कम समय में दुनिया का सबसे बड़ा स्वेयसेवक संघ बन चूका आरएसएस अपने विशाल अस्तित्व में प्रत्येक उम्र के व्यक्ति को समावेशित किये हुए है।
बीजेपी का पोषक संघ 2014 से बहुत अधिक चर्चा में आया। अमूमन रुट लेवल पर बिना चर्चा में आए स्वेयम सेवक अपने कार्यो को लगातार चर्चा के आधार पर अंजाम देते है।
2014 के बाद से अचानक अधिकांश हिन्दू आरएसएस की शाखाओं में जाने लगे है। कुछ स्थानों पर आरएसएस की शाखाओं से मुस्लिम भी जुड़े है, वहां मुद्दा राष्ट्रवाद है।
संघ अपनी ड्रेस में कुछ बदलाव लाया है अब खाकी चौड़ी निक्कर की जगह पेंट ने ले ली है। एक अनुशासनात्मक संगठन है संघ जिससे जुड़ने वालो की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।