मलेशिया के एक मौलवी ने फतवा जारी कर कहा है कि यदि महिलाएं ऊंट की सवारी कर रही हैं, तो भी उन्हें पति के साथ सेक्स करने के लिए राजी होना चाहिए। पिराक मुफ्ती तन हारुसन्नी जकारिया ने कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म जैसा कुछ नहीं होता।
मौलवी ने कहा कि यह धारणा यूरोपीय लोगों द्वारा फैलाई गई है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के अनुसार, पत्नी सेक्स के लिए पति को सिर्फ तभी मना कर सकती है, जब वह बीमार हो, मासिक धर्म हो रहा हो या उसने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो।
जकारिया ने कहा कि महिलाओं को सेक्स से मना करने का अधिकार उसी पल खत्म हो जाता है, जब लड़की के पिता उसे पति को सौंप देते हैं। उन्होंने कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म कुछ नहीं होता। यह यूरोपीय लोगों द्वारा बनाया गया है, हम इसका पालन क्यों करें।
मौलवी के इस फतवे से उनके देश मलेशिया और विदेशों में भी कई लोग चकित हैं। पेनांग के वुमंस सेंटर फॉर चेंज में एडवोकेसी अधिकारी यहोशू तेह ने कहा कि क्या हम काफी लंबे समय से बलात्कारियों को छूट नहीं दे रहे हैं? हमें यह समझने की जरूरत है कि शादीशुदा या अविवाहित दोनों ही महिलाओं का उनके शरीर पर अधिकार है और इसलिए उन्हें यह अधिकार है कि सेक्स से इंकार कर सकती हैं।
मौलवी ने कहा कि यह धारणा यूरोपीय लोगों द्वारा फैलाई गई है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के अनुसार, पत्नी सेक्स के लिए पति को सिर्फ तभी मना कर सकती है, जब वह बीमार हो, मासिक धर्म हो रहा हो या उसने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो।
जकारिया ने कहा कि महिलाओं को सेक्स से मना करने का अधिकार उसी पल खत्म हो जाता है, जब लड़की के पिता उसे पति को सौंप देते हैं। उन्होंने कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म कुछ नहीं होता। यह यूरोपीय लोगों द्वारा बनाया गया है, हम इसका पालन क्यों करें।
मौलवी के इस फतवे से उनके देश मलेशिया और विदेशों में भी कई लोग चकित हैं। पेनांग के वुमंस सेंटर फॉर चेंज में एडवोकेसी अधिकारी यहोशू तेह ने कहा कि क्या हम काफी लंबे समय से बलात्कारियों को छूट नहीं दे रहे हैं? हमें यह समझने की जरूरत है कि शादीशुदा या अविवाहित दोनों ही महिलाओं का उनके शरीर पर अधिकार है और इसलिए उन्हें यह अधिकार है कि सेक्स से इंकार कर सकती हैं।