सुभाष चंद्रा ने कहा- पत्रकारिता की आड़ में गोरखधंधा चलाना कायरता है, यूजर्स बोले- 100 करोड़ मांगने वाला 'राष्ट्रवादी' पत्रकार आपका ही था
सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है जहां एक से बढ़कर एक एक्सपर्ट आपके हर ट्वीट और पोस्ट पर गिद्ध की तरह नजर गड़ाए बैठे हुए हैं, जो पलभर में आपकी पोल खोल देंगे और आप ट्रोल हो जाएंगे। जी हां, ताजा मामला ज़ी ग्रुप के चेयरमैन और राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा जुड़ा है, जिन्हें निष्पक्ष पत्रकारिता पर ट्वीट करना भारी पड़ गया।
दरअसल, सुभाष चंद्रा ने 8 जुलाई को ट्विटर पर पत्रकारिता की आड़ में गोरखधंधा चलाने वालों को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, "पत्रकारिता की आड़ में गोरख अजेंडा चलाना 'द कायर' की पहचान है। कुछ समय पहले आर्मी चीफ़ की तुलना 'द कायर' ने डायर के साथ की थी।"
फिर क्या चंद्रा के ट्वीट के फौरन बाद यूजर्स उनका क्लास लेने लगे। कुछ यूजर्स ने चंद्रा को सलाह देते हुए कहा कि दूसरो पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में भी कभी झांक लिया करो। एक यूजर्स ने ट्वीट किया, 'अपने ही ट्वीट को बार बार पढो। तुम्हे "कायर" तो मिलेगा ही साथ ही साथ "दलाल" भी दिखेगा।'
एक शख्स ने लिखा, 'मिस्टर चंद्रा… एक बहुत पुरानी कहावत है। दूसरो पर अंगुली उठाने से पहले अपनी ओर भी देखले लो।' दूसरे ने लिखा है, "द कायर क्या कर रहा है वह मैं नहीं जानता सुभाष जी पर आपके लोग 100 करोड़ की फिरौती मांगते हुए जेल जरूर गए थे।"
बता दें कि जी ग्रुप के समाचार चैनलों के दो संपादकों सुधीर चौधरी और समीर अहलुवालिया 2012 में गिरफ्तार हो चुके हैं। जिंदल स्टील एंड पावर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने इन दोनों संपादकों को गिरफ्तार किया था। इन पर कोयला घोटाले की खबर को लेकर जिंदल स्टील के नवीन जिंदल ने जी ग्रुप के संपादकों पर गलत तरीके से पैसे मांगने का आरोप लगाया था।