जानवरों की समझदारी पर संदेह रखने वालों को यह खबर जरूर पढ़नी चाहिए. गत रविवार को श्रीनगर गढ़वाल बेस अस्पताल में एक ऐसी अजीबोगरीब घटना घटित हुई, जिस पर आपको मुश्किल से यकीन होगा.
यहां एक बंदर अस्पताल में घुस आया. वह सीधे सर्जरी वार्ड में बने नर्सिंग स्टॉफ के केबिन में घुसा. बंदर को देख वहां मौजूद लोग घबरा गए हालांकि बन्दर ने कोई डराने वाली हरकत नहीं की. वह तो जाकर किसी मरीज की तरह डॉक्टर की टेबल पर लेट गया. उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह इलाज कराने आया हो. रविवार का दिन होने के कारण उस रोज केबिन में डॉक्टर मौजूद नहीं थे. आखिर हिम्मत करके नर्सिंग स्टाफ ने नजदीक से देखा तो पता चला कि बन्दर चोटिल है और शायद इलाज कराने ही आया है. उसे आपसी लड़ाई में चोट लगी थी.
स्टाफ ने उसकी चोट को बीटाडीन से साफ़ किया जिससे उसे आराम मिला. इस दौरान एक कर्मचारी डॉक्टर की कुर्सी पर बैठ गया तो बन्दर किसी मरीज की तरह उसे इस तरह इशारे करने लगा जैसे अपना हाल बता रहा हो. किसी ने उसे केला खाने को दिया जो उसने खा लिया और साथ ही वहाँ रखी तीन ग्लूकोज की बोतलें भी गटक गया. कुछ देर बाद जब उसे राहत महसूस हुई तो वहाँ से चुपचाप चला गया.
यहां एक बंदर अस्पताल में घुस आया. वह सीधे सर्जरी वार्ड में बने नर्सिंग स्टॉफ के केबिन में घुसा. बंदर को देख वहां मौजूद लोग घबरा गए हालांकि बन्दर ने कोई डराने वाली हरकत नहीं की. वह तो जाकर किसी मरीज की तरह डॉक्टर की टेबल पर लेट गया. उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह इलाज कराने आया हो. रविवार का दिन होने के कारण उस रोज केबिन में डॉक्टर मौजूद नहीं थे. आखिर हिम्मत करके नर्सिंग स्टाफ ने नजदीक से देखा तो पता चला कि बन्दर चोटिल है और शायद इलाज कराने ही आया है. उसे आपसी लड़ाई में चोट लगी थी.
स्टाफ ने उसकी चोट को बीटाडीन से साफ़ किया जिससे उसे आराम मिला. इस दौरान एक कर्मचारी डॉक्टर की कुर्सी पर बैठ गया तो बन्दर किसी मरीज की तरह उसे इस तरह इशारे करने लगा जैसे अपना हाल बता रहा हो. किसी ने उसे केला खाने को दिया जो उसने खा लिया और साथ ही वहाँ रखी तीन ग्लूकोज की बोतलें भी गटक गया. कुछ देर बाद जब उसे राहत महसूस हुई तो वहाँ से चुपचाप चला गया.