जब पहले ही दिन सात सौ छप्पन लाइक और बेशुमार कमेंट्स आ गए थे
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जब पहले ही दिन सात सौ छप्पन लाइक और बेशुमार कमेंट्स आ गए थे

नमक का ढेला और गुड़ की लेप   
    लगातार छह माह से इन्तजार करके आँखें थक चुकी थी कि शायद आज ही कोई लाइक आया जाए, कोई कमेंट आ जाए और तो और कोई पोक ही जाए तो भी सब्र कर लूँ. पर सब के सब कंजूस हैं. सैंकड़ों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, ज्यादातर ने तो डिलीट ही मार दी और इक्के दुक्के को छोड़कर शेष ने नोट नाउ टिक कर दिया. मैं इस साठ वर्ष के डगमग हिलने वाले शरीर और झूरियों को परमानेंट पनाह देने वाले बेनूर चेहरे के आसरे भला कैसे आकर्षित कर पाता अनजान फेसबूकिये मित्रों को. जिस मंच की पंच लाइन ही फेस बुक यानि फेस देख कर बुक करना रही हो उस पर मैं कैसे ठहर पाता ? पर क्या करूँ 'लागी छूटे ना ---'
     एक दिन सवेरे सवेरे देखता हूँ कि सेंधे नमक के ढेले वाले डब्बे में, जो मैं ज्यादातर बिना ढके ही भूल जाता हूँ, अन्दर बाहर चीटियों की लाइन लगी हुई है. यहाँ तक कि बड़े बड़े सर पैरों वाले खूसट मकोड़े भी डब्बे पर यों लिपटे हुए हैं जैसे फूलों पर तितलियाँ, जैसे हरिद्वार में गंगा तीरे डुबकी लगाने को आतुर श्रद्धालुओं की क़तार, जैसे मतदान के समय एक अदने से वोटर के पीछे मंडराते विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता. खैर मामला घर की सीबीआई प्रमुख यानि श्रीमती जी के हवाले होते ही सुलझ गया. तुरंत जांच रिपोर्ट घोषित हो गयी कि किसी ने नमक के ढेले वाले डब्बे में बारिश के दिनों में नर्म हो चुके गुड़ की डली डाल दी है. उसी पिंघले गुड़ की लेप से आकर्षित होकर ये मकोड़ेजन बेस्वाद नमक के ढेले की तरफ दौड़े आ रहे हैं.
     मुझे जवाब मिल चूका था. अब मैं बुद्ध हो चूका था. मुझे बड़ के पेड़ के नीचे बैठे बिना ही ज्ञान प्राप्त हो चूका था. मुझे किसी गृह त्याग की जरूरत नहीं पड़ी थी . मैंने जान लिया था कि असली आकर्षण गुड़ है. मकोड़े गुड़ पर आते हैं. अगर आप गुड़ नहीं हैं तो गुड़ का लेप कर लीजिये . लोगों को गुड़ दिखना चाहिए, वे तो स्वतः ही मक्खियों की तरह भिनभिनाने लगेंगे. यही कारण है कि क्यों लोग गुड़ का मिठास खो चुकी सत्ता हीन पार्टी के ऑफिस की बजाय सत्ता के गुड़ से लिपी पार्टी के ऑफिस के सामने भीड़ लगाते हैं. मैंने तुरंत इन्टरनेट से एक खूबसूरत षोडशी की अदाओं से भरी कुछ चुनिन्दा फोटो डाउनलोड कर ली और मेरी खूंसट प्रोफाइल फोटो को डिलीट कर उस अदाकारी की फोटो अपलोड कर मेरी नीरस प्रोफाइल को अपडेट कर दिया. चमत्कार, महा चमत्कार. पहले ही दिन सात सौ छप्पन लाइक और कमेंट्स बेशुमार. अब मैं हर हफ्ते नई फोटो अपडेट कर रहा हूँ, फ्रेंड लिस्ट में जुड़ने को लोग कतार में लगे हैं. अधिकतम सीमा क्रॉस हो चुकी है. किसी एक भी कमेंट के दर्शन को तरसने वाली ये धुंधली आँखें अब हर समय नये नये कमेंट्स को पढ़कर निहाल हो रही हैं. एक बानगी आप भी देखिये- ब्यूटीफुल, सेंडिंग यू अ फ्लाइंग किस. माय स्वीट हार्ट. हॉट एंड सेक्सी. और तो और पडौस के शिव मंदिर वाला बद्री पुजारी लिखता है – कभी हमारे मंदिर में पधार कर अपनी चरण पादुकाओं से मंदिर प्रांगण को पवित्र कीजिये . सब उस बाबा की कृपा है वर्ना इस गुड़ विहीन नमक के ढेले को कौन पूछता है . सो दोस्तों गुड़ का लेप कीजिये और इस वर्चुअल फेस बुक पर अपना फेस बुक कीजिये और इस मायावी संसार का आनंद लीजिये.

(जग मोहन ठाकन)

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