मुंबई।।
अनुसंधानकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि सबसे महंगी क्रीम भी
त्वचा के भीतर जाकर उसे तंदुरुस्त नहीं बना सकती, जैसा कि उनके निर्माता
दावा करते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि फर्मास्यूटिकल ब्रांडस का दावा कि
उनके उत्पाद में मौजूद नैनो पाॢटकल (बहुत सूक्ष्म कण) त्वचा में भीतर तक
पहुंच जाते हैं, स्पष्टत: झूठ है।
अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि
सूक्ष्मत: नैनौ पाॢटकल भी त्वचा के बाहरी आवरण तक को पार नहीं कर पाते हैं।
क्रीम सामान्य तौर पर चेहरे की झुॢरयों या फिर छिद्र में भर जाते हैं और
त्वचा के भीतरी भाग में कोई पोषक तत्व नहीं पहुंच पाता है। अनुसंधानकर्ताओं
का कहना है कि पहले हुए कुछ अनुसंधानों में यह कहा गया है कि नैनो पाॢटकल
त्वचा के भीतर प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन हमारे परिणाम यह दिखाते हैं कि वह
त्वचा के गहरे छिद्रों में जाकर पंसस जाते होंगे।