किसी भी स्त्री के पैरों की सुंदरता में पायल चार चांद लगा देती है।
स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में पायल भी शामिल है। आमतौर पर यही माना जाता
है कि पायल स्त्रियों के लिए श्रृंगार की वस्तु है, लेकिन इससे कई अन्य लाभ
भी प्राप्त होते हैं। पायल से प्राप्त होने वाले फायदों के विषय में काफी
कम लोग ही जानते हैं। आमतौर पर पायल के संबंध में मान्यता है कि इसकी आवाज
से दैवीय शक्तियां आकर्षित होती हैं और घर
पर कृपा बनाए रखती हैं। यहां जानिए पुरानी मान्यताओं के अनुसार स्त्रियां
पायल क्यों पहनती हैं और इससे क्या लाभ प्राप्त होते हैं...
पायल के संबंध में ये है पुरानी मान्यता
प्राचीन समय से ही हर स्त्री के लिए पायल पहनना अनिवार्य परंपरा के रूप में प्रचलित है। कई घर-परिवार ऐसे हैं, जहां विवाह के बाद स्त्री को पायल के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। पुराने समय में पायल की छम-छम की आवाज एक संकेत का काम करती थी। उस काल में जब घर-परिवार के सभी सदस्य या अन्य लोग किसी स्थान पर बैठे होते थे और उस समय पायल की आवाज आती थी तो वे समझ जाते थे कि वहां कोई स्त्री आ रही है। इस संकेत के बाद वे सभी व्यवस्थित हो जाते थे।
पुराने समय में विवाह के बाद पति के घर में स्त्री के लिए कहीं आने-जाने की पूरी स्वतंत्रता नहीं होती थी। साथ ही, वह किसी से खुलकर बात भी नहीं कर पाती थी। ऐसे में जब वह घर में कहीं आती-जाती तो बिना उसके बताए भी पायल की आवाज से सभी सदस्य समझ जाते थे कि उनकी बहू वहां आ रही है या कहीं जा रही है।
पायल की आवाज से दूर होती हैं नकारात्मक ऊर्जा
पायल की आवाज किसी का भी ध्यान तुरंत ही आकर्षित कर लेती है। जब कोई लड़की पायल पहनकर चलती है तो पायल से निकलने वाला स्वर किसी संगीत से कम प्रतीत नहीं होता। पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम हो जाता है और सकारात्मक शक्तियों को बल मिलता है। घर में सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है।
मान्यता है कि जिस घर से पायल की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है। इसी कारण महिलाओं के लिए पायल पहनना अनिवार्य माना गया है।
पायल से होते हैं ये स्वास्थ्य लाभ
पायल पहनने से स्त्रियों को कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। सोने या चांदी से बनी पायल विशेष स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है। पायल हमेशा पैरों से रगड़ाती रहती है, इसी वजह से पैरों की हड्डियों को सोने या चांदी के तत्वों से मजबूती मिलती है। आयुर्वेद में कई दवाओं में धातुओं की भस्म का उपयोग किया जाता है। धातुओं की भस्म से जैसे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं, ठीक वैसे ही लाभ पायल पहनने से भी मिलते हैं।
पायल की आवाज अन्य लोगों के लिए एक इशारा है, इसकी आवाज से सभी को यह एहसास हो जाता है कि कोई महिला उनके आसपास है, अत: वे शालीन और सभ्य व्यवहार करें। ताकि स्त्री के सामने किसी तरह की कोई अभद्रता ना हो जाए।
प्राचीन समय से ही हर स्त्री के लिए पायल पहनना अनिवार्य परंपरा के रूप में प्रचलित है। कई घर-परिवार ऐसे हैं, जहां विवाह के बाद स्त्री को पायल के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। पुराने समय में पायल की छम-छम की आवाज एक संकेत का काम करती थी। उस काल में जब घर-परिवार के सभी सदस्य या अन्य लोग किसी स्थान पर बैठे होते थे और उस समय पायल की आवाज आती थी तो वे समझ जाते थे कि वहां कोई स्त्री आ रही है। इस संकेत के बाद वे सभी व्यवस्थित हो जाते थे।
पुराने समय में विवाह के बाद पति के घर में स्त्री के लिए कहीं आने-जाने की पूरी स्वतंत्रता नहीं होती थी। साथ ही, वह किसी से खुलकर बात भी नहीं कर पाती थी। ऐसे में जब वह घर में कहीं आती-जाती तो बिना उसके बताए भी पायल की आवाज से सभी सदस्य समझ जाते थे कि उनकी बहू वहां आ रही है या कहीं जा रही है।
पायल की आवाज से दूर होती हैं नकारात्मक ऊर्जा
पायल की आवाज किसी का भी ध्यान तुरंत ही आकर्षित कर लेती है। जब कोई लड़की पायल पहनकर चलती है तो पायल से निकलने वाला स्वर किसी संगीत से कम प्रतीत नहीं होता। पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम हो जाता है और सकारात्मक शक्तियों को बल मिलता है। घर में सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है।
मान्यता है कि जिस घर से पायल की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है। इसी कारण महिलाओं के लिए पायल पहनना अनिवार्य माना गया है।
पायल से होते हैं ये स्वास्थ्य लाभ
पायल पहनने से स्त्रियों को कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। सोने या चांदी से बनी पायल विशेष स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है। पायल हमेशा पैरों से रगड़ाती रहती है, इसी वजह से पैरों की हड्डियों को सोने या चांदी के तत्वों से मजबूती मिलती है। आयुर्वेद में कई दवाओं में धातुओं की भस्म का उपयोग किया जाता है। धातुओं की भस्म से जैसे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं, ठीक वैसे ही लाभ पायल पहनने से भी मिलते हैं।
पायल की आवाज अन्य लोगों के लिए एक इशारा है, इसकी आवाज से सभी को यह एहसास हो जाता है कि कोई महिला उनके आसपास है, अत: वे शालीन और सभ्य व्यवहार करें। ताकि स्त्री के सामने किसी तरह की कोई अभद्रता ना हो जाए।