गरुड़ पुराण
सुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण सूत्र और उपाय बताए गए हैं। इन सूत्रों का पालन करने पर हमारे जीवन से दुख दूर रहते हैं। शास्त्रों में गरुड़ पुराण का विशेष स्थान है। इस पुराण में जीवन और मृत्यु के सभी रहस्यों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। इस पुराण में चार ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, अन्यथा भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसमें बताया गया है कि हमारे द्वारा किए गए किन कर्मों का हमें क्या फल प्राप्त होता है।
जानिए वो चार काम कौन-कान से हैं, जिन्हें बीच में नहीं छोड़ना चाहिए-
पहला काम :-
शत्रुता का खत्म करें। यदि आपका कोई शत्रु है और वह बार-बार मौका देखकर आपको नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है तो ध्यान रखें ये बातें... शत्रुता के संबंध में सबसे पहले हमें यह प्रयास करना चाहिए कि किसी भी प्रकार से शत्रु को मित्र बना लिया जाए या उसे परास्त कर देना चाहिए।
यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो शत्रु हमेशा ही हमारा अहित करने की योजनाएं बनाते रहेंगे और शत्रु बढ़ाते रहेंगे। शत्रुओं का भय सदैव बना रहेगा। शत्रुता का नाश करने पर ही जीवन से भय का नाश हो सकता है।
दूसरा काम :-
यदि कहीं आग लग रही है तो उस आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए। अन्यथा छोटी सी चिंगारी भी फिर से बड़ी आग में बदल सकती है। आग बेकाबू हो जाए तो जान और माल को नुकसान अवश्य पहुंचाती है। अत: आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए।
गरुड़ पुराण का महत्व
धर्म ग्रंथों में गरुड़ पुराण का महत्व काफी अधिक बताया गया है। ऐसा वर्णित है कि जो व्यक्ति गरुड़ पुराण का पाठ करता है, उसे विद्या, यश, सौंदर्य, लक्ष्मी, विजय और आरोग्य प्राप्त होता है। जो लोग इस पुराण का पाठ करते हैं, जीवन के सभी रहस्य समझ लेते हैं और दुखों से मुक्त हो जाते हैं।
तीसरा काम :-
यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे दवाइयों की मदद से बीमारी को जड़ से मिटा देना चाहिए। जो लोग पूरी तरह स्वस्थ नहीं होते हुए भी दवाइयां लेना बंद कर देते हैं, उन्हें भविष्य में पुन: वह बीमारी घेर लेती है। सामान्यतः: किसी भी बीमारी का पुन: लौटना जान के लिए खतरनाक होता है। अत: बीमारी का पूरा इलाज करवाना चाहिए। जिस प्रकार मलेरिया और पीलिया जैसे रोगों का इलाज अधूरा रह जाने पर वह पुन: इंसान को पीडि़त कर देता है। लौटकर आया हुआ मलेरिया या पीलिया जान के घातक हो जाता है। इसी कारण किसी भी प्रकार की बीमारी का पूरा इलाज करवा लेना चाहिए।
चौथा काम :-
गरुड़ पुराण के अनुसार ऋण या उधार लिया पैसा किसी भी स्थिति में पूरा लौटा देना चाहिए। यदि ऋण पूरा नहीं उतारा जाता है तो वह पुन: ब्याज के साथ बढऩे लगता है। अत: ऐसी स्थिति से बचने के लिए ऋण का शत-प्रतिशत निपटारा जल्दी से जल्दी कर देना चाहिए। ऋण के कारण व्यक्ति कई प्रकार की आंतरिक पीड़ाओं का सामना करता है। इस कारण ऋण को अधूरा न छोड़ें।
सुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए शास्त्रों में कई महत्वपूर्ण सूत्र और उपाय बताए गए हैं। इन सूत्रों का पालन करने पर हमारे जीवन से दुख दूर रहते हैं। शास्त्रों में गरुड़ पुराण का विशेष स्थान है। इस पुराण में जीवन और मृत्यु के सभी रहस्यों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। इस पुराण में चार ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, अन्यथा भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसमें बताया गया है कि हमारे द्वारा किए गए किन कर्मों का हमें क्या फल प्राप्त होता है।
जानिए वो चार काम कौन-कान से हैं, जिन्हें बीच में नहीं छोड़ना चाहिए-
पहला काम :-
शत्रुता का खत्म करें। यदि आपका कोई शत्रु है और वह बार-बार मौका देखकर आपको नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है तो ध्यान रखें ये बातें... शत्रुता के संबंध में सबसे पहले हमें यह प्रयास करना चाहिए कि किसी भी प्रकार से शत्रु को मित्र बना लिया जाए या उसे परास्त कर देना चाहिए।
यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो शत्रु हमेशा ही हमारा अहित करने की योजनाएं बनाते रहेंगे और शत्रु बढ़ाते रहेंगे। शत्रुओं का भय सदैव बना रहेगा। शत्रुता का नाश करने पर ही जीवन से भय का नाश हो सकता है।
दूसरा काम :-
यदि कहीं आग लग रही है तो उस आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए। अन्यथा छोटी सी चिंगारी भी फिर से बड़ी आग में बदल सकती है। आग बेकाबू हो जाए तो जान और माल को नुकसान अवश्य पहुंचाती है। अत: आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए।
गरुड़ पुराण का महत्व
धर्म ग्रंथों में गरुड़ पुराण का महत्व काफी अधिक बताया गया है। ऐसा वर्णित है कि जो व्यक्ति गरुड़ पुराण का पाठ करता है, उसे विद्या, यश, सौंदर्य, लक्ष्मी, विजय और आरोग्य प्राप्त होता है। जो लोग इस पुराण का पाठ करते हैं, जीवन के सभी रहस्य समझ लेते हैं और दुखों से मुक्त हो जाते हैं।
तीसरा काम :-
यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे दवाइयों की मदद से बीमारी को जड़ से मिटा देना चाहिए। जो लोग पूरी तरह स्वस्थ नहीं होते हुए भी दवाइयां लेना बंद कर देते हैं, उन्हें भविष्य में पुन: वह बीमारी घेर लेती है। सामान्यतः: किसी भी बीमारी का पुन: लौटना जान के लिए खतरनाक होता है। अत: बीमारी का पूरा इलाज करवाना चाहिए। जिस प्रकार मलेरिया और पीलिया जैसे रोगों का इलाज अधूरा रह जाने पर वह पुन: इंसान को पीडि़त कर देता है। लौटकर आया हुआ मलेरिया या पीलिया जान के घातक हो जाता है। इसी कारण किसी भी प्रकार की बीमारी का पूरा इलाज करवा लेना चाहिए।
चौथा काम :-
गरुड़ पुराण के अनुसार ऋण या उधार लिया पैसा किसी भी स्थिति में पूरा लौटा देना चाहिए। यदि ऋण पूरा नहीं उतारा जाता है तो वह पुन: ब्याज के साथ बढऩे लगता है। अत: ऐसी स्थिति से बचने के लिए ऋण का शत-प्रतिशत निपटारा जल्दी से जल्दी कर देना चाहिए। ऋण के कारण व्यक्ति कई प्रकार की आंतरिक पीड़ाओं का सामना करता है। इस कारण ऋण को अधूरा न छोड़ें।