मुंबई।। वह
समय दूर नहीं, जब जीवाणुओं के माध्यम से प्राकृतिक बैटरी बनने लगेंगी,
क्योंकि जीवाणु सूक्ष्म चुंबकीय कणों का प्रभावी रूप से इस्तेमाल कर एक
प्राकृतिक बैटरी का निर्माण कर सकता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है।
जीवाणु मैग्नेटाइट में ऑक्सीकरण/अवकरण प्रक्रिया को अंजाम देने में सक्षम
हैं। यह महत्वपूर्ण खोज पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने तथा अन्य
बायोइंजीनियरिंग प्रक्रिया में मदद करेगा।
इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। मैग्नेटाइट रेडॉक्स-सक्रिय (इलेक्ट्रॉन के लेन-देन में सक्षम) समझा जाता है, जो उन संभावनाओं के द्वार खोलता है, जिसके मुताबिक जीवाणु उस माहौल में जीने में सक्षम होगा, जहां मैग्नेटाइट की तुलना में अन्य यौगिक कम मात्रा में पाए जाते हैं।
इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। मैग्नेटाइट रेडॉक्स-सक्रिय (इलेक्ट्रॉन के लेन-देन में सक्षम) समझा जाता है, जो उन संभावनाओं के द्वार खोलता है, जिसके मुताबिक जीवाणु उस माहौल में जीने में सक्षम होगा, जहां मैग्नेटाइट की तुलना में अन्य यौगिक कम मात्रा में पाए जाते हैं।