कुछ अतिज्ञानी के विचारो से ही भारत में गोरेपन का दावा करने वाली क्रीम बनाने वाली कम्पनिया अरबो का कारोबार करती है..
जबकि ये साबित हो चूका है की दुनिया में कोई भी ऐसा तत्व नही है जो इन्सान
की त्वचा में मिलेनिन [जिसकी वजह से हमारी त्वचा का रंग होता है ] की
मात्रा को कम कर सके..हाँ सिर्फ लेजर ब्लीचिंग के जरिये ही त्वचा से मिलेनीन को कम किया जा सकता है जिसमे करोड़ो का खर्चा आता है .. जिसके द्वारा माइकल जेक्सन गोरे हो गये थे ... और ऐसा नही है की सिर्फ हम भारतीय ही गोरी चमड़ी के दीवाने होते है ... माइकल जेक्सन ने शिकागो और लुजियाना की गलियों में काले लोगो के साथ गाना गाकर अपनी पहचान बनाई .. लेकिन उनके पास जब पैसा आया तब उन्हें भी अपनी उसी काली चमड़ी से नफरत होने लगी जिसके दम पर उन्होंने पहचान बनाई थी ... उन्होंने लेजर ब्लीचिंग के जरिये अपनी स्किन से पूरा मिलेनिन खत्म करवा दिया ..जिसके साइड इफेक्ट से वो पूरी जिन्दगी विभिन्न रोगों से पीड़ित रहे..