राफाल डील का सच कही यह तो नहीं ?
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राफाल डील का सच कही यह तो नहीं ?

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     राफाल के बारे में भारत और फ्रांस की सरकारें किन कारणों से गोपनीयता की जिद कर रहे हैं यह जानना चाहते हैं ? राहुल गांधी जो जानना चाहते हैं वह अत्यन्त घातक देशविरोधी और निन्दनीय है इसका प्रमाण दे रहा हूँ |

https://timesofindia.indiatimes.com/…/articles…/62806358.cms
       इस समाचार के अनुसार जनवरी 2012 में जब राफाल डील हुआ था तब 126 राफाल खरीदने की बात 526 करोड़ रूपये प्रति विमान में तय हुई थी, जिनमें से केवल 18 विमान फ्रांस से खरीदे जाते और शेष 108 विमान भारत में बनाए जाते |
     नरेन्द्र मोदी ने जो डील किया है उसके अनुसार 36 राफाल फ्रांस से खरीदे जायेंगे जिनकी कीमत (मँहगाई) के कारण अब 710 करोड़ रूपये प्रति विमान हो गयी है, किन्तु भारत 1640 करोड़ रूपये देने के लिए तैयार हो गया है |
    पाँच वर्षों में 35% की मूल्यवृद्धि तो समझ में आ सकती है, यद्यपि इसमें भी एक बहुत बड़ा पेंच है जिसका खुलासा इस लेख के अन्त में है | किन्तु अब यदि कीमत 710 है तो 1640 क्यों दिया जा रहा है यही राहुल गांधी का मूल प्रश्न है जिसे घोटाला कहकर वे संसद को उड़ा देना चाहते हैं |
     टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की खबर के अनुसार नए समझौते के अनुसार विमान 710 करोड़ की दर से ही लिया जा रहा है, अतिरिक्त खर्च के निम्न कारण हैं :--
(1) "deadly weapons package" (घातक हथियारों से लैस विमान दिए जायेंगे, उन हथियारों का विस्तृत ब्यौरा भारत सरकार राहुल गांधी को क्यों दे ? राफाल विमान में अधिकतम सम्भव कौन-कौन से घातक हथियार लगाए जा सकते हैं और किस प्रकार फिट होंगे यह हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स जानता है या राफाल बनाने वाले फ्रेंच कम्पनी ? फ्रांस हमारी सहायता कर रहा है तो हम कीमत भी नहीं देंगे ?),
(2) "all spares" (अतिरिक्त स्पेयर पार्ट-पुर्जे भी पहले से ही दिए जायेंगे ताकि युद्ध छिड़ने पर पुर्जों के कारण विमान रखे न रह जाएँ),
(3) "costs for 75 per cent fleet availability" (हमेशा कम से कम 75% अर्थात 36 में से 27 विमान युद्ध हेतु पूर्ण तैयार रहें इसकी गारन्टी का खर्च ; ऐसी गारन्टी मुफ्त में नहीं आती, चौबीसों घंटे हर विमान की पूरी देखरेख और मरम्मत आदि करनी पड़ती है |),
(4) "performance-based logistics support for five years" (पाँच वर्षों तक भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुसार व्यवहारिक उड़ानों के लिए आवश्यक समस्त संरचनात्मक, तकनीकी, संचार, आदि मुहैय्या कराने का खर्च, ताकि 36 विमानों का पूरा बेड़ा वास्तविक युद्ध में भाग ले सके | "logistics support" का अर्थ होता है :-- detailed organization and implementation of a complex operation, the activity of organizing the movement, equipment, and accommodation of troops, आदि, अर्थात फ्रांस वास्तविक युद्ध हेतु सहायता दे रहा है, केवल सामान नहीं बेच रहा है |),
(5) "other things" - (अन्य बातें जिनका खुलासा नहीं किया गया , उन अन्य बातों में सबसे महत्वपूर्ण है हर विमान में तीन ब्रह्मोस मिसाइल फिट करना जो हाइड्रोजन बम से लैस रहेंगे)|
       फ्रांस के ज्योतिषी नोस्त्रदामुस ने पाँच शताब्दी पहले ही लिख दिया था कि चीन और मुसलमानों के गठजोड़ से युद्ध में भारत और फ्रांस एकसाथ होंगे ! युद्ध में फ्रांस भारत को क्या दे रहा है इसका विस्तृत ब्यौरा राहुल गांधी लेकर क्या करेगा ? 710 करोड़ में 930 करोड़ जोड़कर 1640 करोड़ में एक विमान लिया जा रहा है, राहुल गांधी इस 930 करोड़ रूपये का एक-एक मद में ब्यौरा चाहते हैं ताकि वे किन "घातक हथियारों" और किस प्रकार के logistics support के खर्चे हैं और युद्ध छिड़ने पर कितने समय तक का स्पेयर पार्ट मिल रहा है यह गोपनीय जानकारी सार्वजनिक की जा सके |
     राहुल को मूर्ख समझते हैं ? हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर आया है | आलू की खेती का ज्ञान भले ही न रखे|  रहा है ?
     बिना अतिरिक्त सहायता के 526 करोड़ प्रति विमान का ब्यौरा भी झूठा है | पूरा डील 54000 करोड़ रूपये में कांग्रेस ने किया था - सेक्यूलर The Hindu अखबार का रिपोर्ट पढ़िए :-
http://www.thehindu.com/…/All-you-need-…/article14243993.ece
       किन्तु बाद में जब डील कांग्रेस ने पूरा किया तब प्रति विमान 526 करोड़ रूपये में तय हुआ, अर्थात 126 विमानों की कीमत 54000 करोड़ से बढ़ाकर 66276 करोड़ रूपये देने के लिए कांग्रेस सरकार तैयार हुई थी | 12276 करोड़ रूपये अतिरिक्त क्यों दिये जा रहे थे इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है | यह घोटाला नहीं था ? यह 23% घूस नहीं था तो क्या था ?
     इन सेक्यूलर अखबारों ने यह नहीं बताया कि जब 2001 में ही युद्धक विमान खरीदने की बात वाजपेयी सरकार के काल में आरम्भ हो गयी थी तो मनमोहन सिंह की सरकार 2012 तक सोती क्यों रही और जनवरी 2012 में समझौता हो जाने पर भी एक भी राफाल खरीदा क्यों नहीं ? कौन सी कठिनाई हो गयी ? किसी 'मित्रदेश' ने सिखा दिया कि मत खरीदो ?
      कांग्रेस सरकार के समय 526 करोड़ रूपये में डील हुई जबकि मोदी सरकार ने अन्य खर्चों को छोड़कर 710 करोड़ रूपये प्रति विमान की दर से डील की - इसका अर्थ लगता है कि मूल्य में 35% वृद्धि हुई | किन्तु यह सच्चाई नहीं है | 526 करोड़ में से 97 करोड़ प्रति विमान घूस था | तब तो वास्तविक मूल्यवृद्ध 429 करोड़ से बढ़कर 710 करोड़ हुई ? 65.7% मूल्यवृद्धि ? ये सेक्यूलर अखबार इस तथ्य को छुपाते हैं कि पुरानी डील में केवल 18 अर्थात 14% विमान ही फ्रांस में बनते और 86% विमान तकनीक-ट्रांसफर के बाद भारत में बनते, जबकि नयी डील के अनुसार सारे विमान फ्रांस से बने-बनाए लिए जायेंगे (क्योंकि चीन और पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए भारत में बनाने की बात अभी व्यवहारिक नहीं है, उसमें बहुत समय लग जाएगा, उसकी बाद में सोची जायेगी)| फ्रांस से बने-बनाए लेंगे तो मँहगा पडेगा ही, फ्रांस में मजदूरी अधिक लगती है यह राहुल के सिवा सबको पता है | जनवरी 2012 में भी फ्रांस में बने विमान की कीमत लगभग सात सौ करोड़ रूपये से कुछ ही कम थी, जबकि भारत में बनाने पर केवल चार सौ करोड़ ही खर्च होते, शेष 97 करोड़ घूस के थे, कुल "12276 करोड़ रूपये का मामूली" घूस !
      'पवित्र परिवार' की इस कमाई को मोदी ने रोक दिया यही मोदी का घोटाला है, भारतीय वायुसेना को पंगु होने से बचा लिया यह तो मोदी का और भी बड़ा घोटाला है,
      भारत के पास बड़े और छोटे बहुत से युद्धक विमान थे, मध्यम श्रेणी के विमान नहीं थे, जिस कारण वायुसेना की विशेषज्ञ टोली ने राफेल को पसन्द किया था | The Hindu अखबार की उपरोक्त रिपोर्ट के अनुसार भी राफाल में बहुत सी खूबियाँ हैं :
air supremacy
interdiction
aerial reconnaissance
ground support
in-depth strike
anti-ship strike
nuclear deterrence
    अन्तिम बिन्दु ध्यान देने योग्य है - इसका अर्थ यह है कि चीन जैसा शक्तिशाली शत्रुदेश आपपर नाभिकीय आक्रमण नहीं कर सकेगा इसे राफाल सुनिश्चित करता है
(https://www.dassault-aviation.com/…/raf…/omnirole-by-design/) !
      इसका विस्तार से खुलासा करना देशहित में नहीं है | राफाल में कौन सी खूबियाँ हैं इसे विस्तार से देखना चाहें तो उस कम्पनी के वेबसाइट पर जाएँ, इस वेबपेज पर अनेक लिंक भी हैं जिन्हें क्लिक करने पर सूक्ष्म विवरण मिलेंगे :-
https://www.dassault-aviation.com/…/de…/rafale/introduction/
       इस वेबसाइट पर राफाल के बारे में आमलोगों के लायक पर्याप्त जानकारी है (जिन्हें यहाँ मैं दुहराना नहीं चाहता) जो सिद्ध करती है कि राफाल भारत को अजेय बनाने की क्षमता रखता है, बशर्ते भारत के पास पहले से हाइड्रोजन बम हो, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल हों, बहादुर सैनिक तथा कुशल नेता हों | अभी भारत में ये सारे गुण हैं | यही कारण है कि भारतीय वायुसेना में राफाल कार्य करना आरम्भ कर दे उससे पहले ही भारत का कुछ बिगाड़ दे इसके प्रयास में चीन और पाकिस्तान (तथा उनके भारतीय मित्रगण) जी-जान से जुट गए हैं|
       इस वेबसाइट पर जितनी जानकारी है, उससे अधिक जानकारी चाहिए तो किसी देश का मुखिया बनकर राफाल खरीदना पडेगा तभी उसकी कम्पनी Dassault ब्यौरा देगी। 


(Sanjay Dwivedi)

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