ये होती है सरकार ! मीम वालो ने दलितों पर किया अत्याचार, योगी ने की ऐसी कार्यवाही रातों रात गायब "इस्लाम नगर"
खुद मुसलमानो ने पोती कालिख
अमरोहा/उत्तर प्रदेश।। जहाँ पर गौतम नगर को मुसलमानो ने इस्लाम नगर बना दिया, कागजो में आज़ादी के पहले से ही इस इलाके का नाम गौतम नगर या बुद्ध बाजार रहा है, पर मुसलमानो ने जनसँख्या बढ़ते ही इसे इस्लाम नगर बना दिया और हर जगह इस्लाम नगर लिखने लग गए।
खुद मुसलमानो ने पोती कालिख
अमरोहा/उत्तर प्रदेश।। जहाँ पर गौतम नगर को मुसलमानो ने इस्लाम नगर बना दिया, कागजो में आज़ादी के पहले से ही इस इलाके का नाम गौतम नगर या बुद्ध बाजार रहा है, पर मुसलमानो ने जनसँख्या बढ़ते ही इसे इस्लाम नगर बना दिया और हर जगह इस्लाम नगर लिखने लग गए।
और
अति तो तब हो गयी जब वहां स्थानीय दलितों को ये मारने पीटने लगे की तुम भी
अपनी दुकानों पर इस्लाम नगर ही लिखो और अब से इस इलाके को इस्लाम नगर ही
बताओ, अत्याचार होने लगे, और कुछ दिनों पहले ये मामला सोशल मीडिया पर सामने
आया, और योगी सरकार तक ये मामला पहुंचा, और अब देखिये हाल।
योगी सरकार ने इस्लाम नगर लिखने वालो पर ऐसी कार्यवाही करी, की उन्होंने खुद ही अपने दुकानों पर लिखे इस्लाम नगर में से इस्लाम शब्द पर रंग पोत दिया, और अब यहाँ पर असली नाम जो इलाके का है वही लिखा जायेगा, रातों रात इस्लाम नगर गायब हो गया क्यूंकि उत्तर प्रदेश में अभी योगी सरकार जो है।
सुनने में आया है की जिन जिन लोगों ने इस्लाम नगर लिखा हुआ था योगी सरकार उनपर 5-5 लाख रुपए का जुरमाना करने लगी, फिर क्या था सब छोड़ कर इस्लाम नगर लिखने वालो ने इस्लाम शब्द हटाना शुरू कर दिया, ये योगी सरकार का जलवा ही है, अगर योगी सरकार के अलावा मायावती या अखिलेश यादव की सरकार होती तो दलितों की कोई सुनवाई तक नहीं होती कार्यवाही तो दूर की बात है !
योगी सरकार ने इस्लाम नगर लिखने वालो पर ऐसी कार्यवाही करी, की उन्होंने खुद ही अपने दुकानों पर लिखे इस्लाम नगर में से इस्लाम शब्द पर रंग पोत दिया, और अब यहाँ पर असली नाम जो इलाके का है वही लिखा जायेगा, रातों रात इस्लाम नगर गायब हो गया क्यूंकि उत्तर प्रदेश में अभी योगी सरकार जो है।
सुनने में आया है की जिन जिन लोगों ने इस्लाम नगर लिखा हुआ था योगी सरकार उनपर 5-5 लाख रुपए का जुरमाना करने लगी, फिर क्या था सब छोड़ कर इस्लाम नगर लिखने वालो ने इस्लाम शब्द हटाना शुरू कर दिया, ये योगी सरकार का जलवा ही है, अगर योगी सरकार के अलावा मायावती या अखिलेश यादव की सरकार होती तो दलितों की कोई सुनवाई तक नहीं होती कार्यवाही तो दूर की बात है !