Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips दुनिया के एक तिहाई कमजोर बच्चे भारत से, कुपोषण का गंभीर खतरा
Headline News
Loading...

Ads Area

दुनिया के एक तिहाई कमजोर बच्चे भारत से, कुपोषण का गंभीर खतरा

     दुनिया के ताक़तवर देशों में शुमार भारत अपने बच्चों को सही खुराक मुहैया नहीं करा पा रहा है। दुनिया की चौथी बड़ी सैन्य क्षमता वाले देश में कमजोर और नाटे बच्चों की भरमार है। देश में तकरीबन साढ़े 4 करोड़ बच्चे बेहद कमजोर और नाटे हैं। ग्लोबल न्यूट्रिशन की रिपोर्ट, 2018 के मुताबिक दुनिया के कुल कमजोर बच्चों में से एक तिहाई भारत में रहते हैं। दुनिया भर में कुल कमजोर बच्चों की संख्या 150.8 मिलियन (क़रीब 15 करोड़ 8 लाख) है। भारत के बाद नाइजीरिया (1.39 करोड़) और पाकिस्तान (1.07 करोड़) में सबसे ज्यादा कमजोर और नाटे बच्चे हैं। इन तीनों देश में रहने वाले अविकसित बच्चों की संख्या विश्व के कुल कमजोर बच्चों की संख्या की आधी है
      भारत में कुपोषित और अविकसित बच्चों को लेकर सरकारी स्तर पर कई प्रोग्राम चलाए जाते हैं। हाल के कुछ सालों में भारत ने इस पर कामयाबी भी हासिल की है। भारत में बीते 10 सालों में तक़रीबन 10 फीसदी कम कमजोर और नाटे बच्चे पैदा हुए हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 डाटा के मुताबिक 2005-06 में जहां दुबले-पतले और नाटे बच्चों की संख्या 48 फीसदी थी, वही 2015-16 में घटकर 38 प्रतिशत हो गयी। बच्चों के कमजोर होने या कद नाटा होने की सबसे बड़ी वजह लगातार रोगों से संक्रमित रहना और पूरा न्यूट्रिशन नहीं मिलना है।
     ग्लोबल न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कमजोर और अविकसित बच्चों के पैदा होने के अलग-अलग कारण हैं। हर राज्य में अलग-अलग समस्या है। अब यह अध्ययन का विषय है कि राज्यों में कमजोर और अविकसित बच्चों की संख्या में अंतर किस आधार पर है। अविकसित और कमजोर बच्चों के अलावा भारत में अंडरवेट बच्चों की भी संख्या ज्यादा है। बच्चों का वजन उनकी हाइट की तुलना में काफी कम है। ताज्जुब की बात यह है कि इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
    NFHS-4 के मुताबिक भारत में 5 साल से कम उम्र के अंडरवेट बच्चों की संख्या में 19.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह इजाफा 2005-06 से लेकर 2015-16 के बीच हुआ है। भारत में जिस तरह से नाटे, कमजोर और अंडरवेट बच्चों की संख्या है, उसके मद्देनज़र कुपोषण का गंभीर ख़तरा बढ़ गया है।

Post a Comment

0 Comments