Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips फ़र्ज़ी डिग्री के दम पर कर रहा था सरकारी नौकरी, हुआ बर्खास्त पूरी तनख्वाह करनी होगी वापस
Headline News
Loading...

Ads Area

फ़र्ज़ी डिग्री के दम पर कर रहा था सरकारी नौकरी, हुआ बर्खास्त पूरी तनख्वाह करनी होगी वापस

Image result for farzi digri se naukari   बलिया/उत्तरप्रदेश।।फर्जी बीएड डिग्री के साथ नौकरी हथियाने का एक नया मामला सामने आया है। जिसमें 20 साल से नारायणजी यादव नाम का एक व्यक्ति बीएड की फर्जी डिग्री के साथ सरकारी शिक्षक के तौर पर नौकरी कर रहा था। यह मामला उत्तर प्रदेश के बलिया का है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक सोमवार को शिक्षक नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है साथ ही नारायणजी यादव को पिछले 20 सालों में मिली पूरी सैलरी वापस करनी होगी। 
     बेसिक शिक्षा अधिकारी सुभाष गुप्ता ने बताया कि नारायणजी यादव पिछले 20 साल से एक प्राइमरी स्कूल में सरकारी शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहा था। उन्होंने बताया कि उसे दोषी पाए जाने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया है। खबर है कि विभाग को नारायणजी को लेकर सूचना मिली थी कि वह फर्जी बीएड डिग्री के साथ शिक्षक के तौर पर कार्यरत है। 1999 में उसे एक प्राइमरी स्कूल में नौकरी मिली। सूचना मिलने के बाद मामले की छान-बीन की गई जिसमें नारायणजी को दोषी पाया गया। इसके बाद उसे ना सिर्फ नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है बल्कि उसके खिलाफ एएफआईआर भी दर्ज की जाएगी। सुभाष गुप्ता ने बताया कि नारायणजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और 20 साल में मिली पूरी सैलरी भी नारायणजी से वापस लेने के आदेश हैं। 
फर्जी डिग्री के साथ नौकरी पाने वालों पर कसा शिकंजा 
    आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र से शिक्षक बनने वालों को चिह्नित कर लिया गया है। प्रदेश में ऐसे कथित शिक्षकों की तादाद 1388 है। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) उप्र कार्यालय पुलिस महानिदेशक ने परिषद मुख्यालय से चिह्नित शिक्षकों के घर का पता मांगा था। परिषद सचिव ने एक अगस्त को सभी बीएसए को आदेश दिया था कि वे कथित शिक्षकों के स्थायी व अस्थायी पता व जिस स्कूल में तैनात हैं, उसकी सूचना उपलब्ध कराएं। लेकिन, अब तक 42 जिलों ने कथित शिक्षकों के घर का पता निर्धारित प्रारूप पर मुहैया नहीं कराया है। 
    प्रदेश के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 में तमाम अभ्यर्थियों ने फर्जी व टेंपर्ड प्रमाणपत्र हासिल कर लिए थे। उन्होंने इन्हीं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक पद पर पिछले वर्षों में नियुक्ति पा ली है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने 18 दिसंबर 2018 व एक जनवरी 2019 को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। इसके बाद कुछ जिलों ने तेजी दिखाई लेकिन, अधिकांश अभ्यर्थियों को चिह्नित करने से भागते रहे। हालांकि बाद में ऐसे कथित शिक्षकों की संख्या 1388 बताई गई है।

Post a Comment

0 Comments