राजकोट/गुजरात।। गुजरात के राजकोट में नेत्र दान, किडनी दान, लिवर दान, बॉडी दान के बाद पहली बार चमड़ी का दान लिया और दिया जायगा. इसके लिए ब्लड बैंक की तरह स्किन बैंक भी बनाई गई है.
राज्य में सबसे पहले स्किन बैंक को आज राजकोट में शुरू किया गया है. रोटेई क्लब द्वारा 50 लाख की कीमत के अलग अलग मशीनरीज, राजकोट के सिविल अस्पताल को अर्पण किया गया है. जिसमे रेफ्रीजिरेटर, डरमेटोकोन, क्यूबकेर, रेज़र समेत कई औज़ार दिए गए है. सौराष्ट्र के ज्यादातर बर्न केस के मरीज़ राजकोट की सिविल अस्पताल में ही इलाज करवाने आते है. जिसमे 60% से ज्यादा जला हुआ शरीर वातावरण के अनुकूल न होने से मरीज़ की मौत हो जाती है.
इन बर्न केस से हो रही मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए स्किन बैंक की शुरुआत की गई है जिसका उपयोग आने वाले दिनों में राजकोट की सिविल अस्पताल में शुरू कर दिया जायगा. स्किन बैंक को दी गई मशीन में स्टोर की गई चमड़ी 4 से 5 साल तक संभाली जा सकती है.
राजकोट सिविल अस्पताल के मनीष मेहता ने जानकारी देते हुए बताया की राजकोट सिविल अस्पताल में हर साल 350 से ज्यादा बर्न केस दर्ज किये जाते है और टाइम पर स्किन ना मिल पाने की वजह से कई लोगों की मौत हो जाती है. क्योंकि शरीर के जल जाने के बाद वे ये वातावरण को झेलने की स्थिति में नहीं रहता है.
इन बर्न केस के मौत के आंकड़ों में घटोती करने के लिए स्किन बैंक की शुरुआत की गई है. लेकिन इसके लिए लोगों में जागरूकता लाना भी उतना ही जरूरी है. लोग मृत्यु के बाद अंगदान, नेत्रदान, लिवरदान जे साथ साथ चमड़ी का भी दान करें ऐसी अपील की गई है. गौरतलब है की विश्व में सबसे पहली स्किन बैंक 1950 में अमेरिका में शुरू की गई थी और अब गुजरात के राजकोट में इसकी शुरुआत की गई है.