नीलामी की कार्यवाही शुरू होने से पहले पहुंचे अफसरों ने ब्याज सहित 83750 रुपए का भुगतान किया
कोरिया/छत्तीसगढ़।। ग्रामीण अभियंत्रिकी सेवा (आरईएस) मेंं निर्माण सामाग्री सप्लायर को 27250 रुपए के बिल का भुगतान नहीं करना विभाग को भारी पड़ गया। कोर्ट के आदेश पर 22 साल बाद आरईएस कार्यालय की संपत्ति कुर्क कर दी गई। सारा सामान जब्त कर लिया गया और इसे कोर्ट परिसर में नीलामी के लिए रखा गया था। नीलामी की कार्यवाही शुरू ही होने वाली थी कि इससे पहले आरईएस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उनको ब्याज सहित 83750 रुपए का भुगतान करना पड़ा।
कार्यालय का सारा सामान जप्त किया
दरअसल, आरईएस ने 22 साल पहले जनकपुर निवासी मिठाई लाल सोनी से ट्रैक्टर से निर्माण संबंधित कार्य और कुछ सामग्री की आपूर्ति कराई थी। जिसका 27250 रु बिल भुगतान विभाग को करना था। उस समय विभाग के अफसरों ने फंड का अभाव बताया और बिल का भुगतान करने से इनकार कर दिया। इससे नाराज होकर सप्लायर ने व्यवहार न्यायालय जनकपुर में परिवाद दायर कर दिया और बकाया बिल भुगतान कराने की गुहार लगाई थी।
जिस पर 22 साल बाद कोर्ट फैसला सुनाते हुए आरईएस कार्यालय की संपत्ति को कुर्की कर पंचनामा तैयार कर लिया था। कोर्ट ने कार्यालय का सारा सामान जप्त कर परिसर में रखवा लिया, जहां बुधवार को संपत्ति की नीलामी की तैयारी की गई थी। हालांकि नीलामी से पहले ही आरईएस के अधिकारी कोर्ट पहुंचे और सप्लायर को ब्याज सहित 83750 रुपये नकद भुगतान किया।
भुगतान नहीं करने पर कोर्ट के आदेश पर कार्यालय में रखे कुर्सी-टेबल, आलमारी सहित सारें सामान का पंचनामा तैयार कर जप्ती बना ली गई थी। कोर्ट इन सामानों की निलामी करने ही वाली थी कि मौके पर पहंुचे आरईएस के अधिकारियों ने सप्लायर को उसकी राशि ब्याज सहित लौटा दीं। आरईएस के अधिकारियों ने इस परेशानी के लिए सप्लायर से माफी भी मांगी।