
ये सभी कार्ड रखते हैं भारतीय
आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, गैस कनेक्शन, राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज एक भारतीय नागरिक को अपने पास रखने होते हैं. यही नहीं, सरकारी योजना के लिए अलग से भी कार्ड हैं. इनमें मनरेगा जॉब कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बीपीएल कार्ड भी रखने होते हैं. इनके बिना कई काम अटक सकते हैं.
क्या है सरकार की प्लानिंग
सरकार की प्लानिंग है कि इन सभी कार्ड्स को एक कार्ड से रिप्लेस कर दिया जाए. आसान भाषा में समझें तो एक ही कार्ड से सभी तरह के फायदे मिलें. हालांकि, इसके लिए कुछ गाइडलाइंस तय होंगी. लेकिन, पहचान पत्र के तौर पर एक ही कार्ड को रखने की जरूरत होगी. हालांकि, इसके बाद भी बाकी सभी कार्ड पूरी तरह मान्य होंगे. लेकिन, दर्जन भर कार्ड रखने की जरूरत नहीं होगी. सभी कार्ड्स को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के जरिए एक प्लेटफॉर्म पर लाने का विचार हो रहा है.
दूसरे देशों में पहले से है व्यवस्था
विदेशों में भी यही व्यवस्था है. हालांकि, इसके लिए इलेक्ट्रोनिक डाटाबेस तैयार करना होगा. फिलहाल, इशारा मिल चुका है कि सरकार किस तरह की प्लानिंग कर रही है. ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक खाता, हेल्थ कार्ड और पहचान के लिए दुनियाभर के 60 देशों में सिर्फ एक कार्ड चलता है. इस कार्ड की खासियत ये होती है कि इसमें एक इलेक्ट्रोनिक चिप लगी होती है, जो डाटाबेस से जुड़ी होती है. इससे कार्डहोल्डर की सारी जानकारी मिल जाती है.
यूरोप, चीन और दूसरे देशों में भी सिंगल कार्ड
भारत की तरह दूसरे देश भी इसे अडॉप्ट कर रहे हैं. इनमें चीन ने पिछले साल ही 16 साल से ज्यादा की उम्र वाले सभी नागरिकों के लिए डिजिटल आईडी कार्ड शुरू किया है. इसमें व्यक्ति की जन्मतिथि, जाति, लिंग, धर्म और पहचान नंबर आदि सभी कुछ दर्ज होता है. वहीं, यूरोप में भी एक आईडी कार्ड के लिए इसी साल अप्रैल में नए कानून लाने को मंजूरी दी थी. इसके बाद पूरे यूरोप में एक ही आईडी कार्ड होगा. यूरोप में अभी 250 से ज्यादा कार्ड इस्तेमाल होते हैं. अप्रैल 2020 से कार्ड लागू हो जाएगा. इसे फिंगर प्रिंट प्रणाली से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, अल्जीरिया और कैमरून जैसे देशों ने भी नेशनल आईडी कार्ड लॉन्च किया है.
क्या होंगे इसके फायदे
– उपभोक्ता को एक साथ कई कार्ड नहीं रखने पड़ेंगे. साथ ही कार्ड्स का नंबर याद रखने की भी मुश्किल नहीं होगी.
– पैन और आधार लिंक होने से दो पैन कार्ड रखकर फर्जीवाड़ा करने वालों पर रोक लगेगी.
– आधार से वोटर आईडी को लिंक करने से भी फर्जी वोटर्स की पहचान होगी.